किडनी रोगी के लिए आहार और इलाज

किडनी रोगी के लिए आहार और इलाज – Kidney Rogi Ke Liye Ahaar Aur Ilaj

किडनी रोग क्या होता है – Kidney rog kya hota hai?

जब किसी वजह से किडनियाँ खराब हो जाए, ठीक से काम न कर पाएँ, खून फ़िल्टर न कर पाएँ और बॉडी से वेस्ट मटेरियल, एक्स्ट्रा फ्लूइड बाहर न निकाल सके तो इसे किडनी रोग कहते हैं। अगर यह ज़्यादा बढ़ जाए तो किडनी फेल भी हो सकती है। ऐसे में एक किडनी रोगी के लिए आहार और इलाज के बारे में सही जानकारी लेना बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन, पहले किडनी रोग के बारे में आम जानकारी होनी चाहिए।

किडनी रोग कितने प्रकार के होते हैं – Kidney rog kitne prakaar ke hote hain?

यह ख़ासकर दो प्रकार का होता है –

  • अल्पकालिक (तीव्र) गुर्दे की चोट (Acute Kidney Injury - AKI): यह एक अचानक होने वाली बीमारी है जिसमें किडनी की कार्यक्षमता तेजी से कम हो जाती है। ज़्यादातर मामलों में, लोग इससे पूरी तरह ठीक हो जाते हैं।
  • दीर्घकालिक किडनी की बीमारी (Chronic Kidney Disease - CKD): इसमें किडनी धीरे-धीरे और लगातार काम करना बंद कर देती है। यह एक ऐसी कन्डिशन है जो महीनों या वर्षों में बिगड़ती जाती है और आमतौर पर पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाती।

लेकिन, इनके अलावा किडनी की बीमारियों के कुछ दूसरे प्रकार भी होते हैं जैसे पॉलीसिस्टिक किडनी डिज़ीज़, नेफ्रोटिक सिंड्रोम, किडनी स्टोन, यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई), ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस

किडनी रोग के लिए आहार – Kidney rog ke liye ahaar

सही डाइट किडनी के इलाज में दवा की तरह काम करती है। किडनी रोगी को डाइट में कम प्रोटीन, कम सोडियम और कम पोटेशियम वाली चीजें शामिल करना चाहिए। इनमें खास हैं –

  • फल: सेब, नाशपाती, पपीता, अमरूद (कम मात्रा में), लाल अंगूर, ब्लू बेरी, रस बेरी आदि खाने चाहिए। इनमें पोटेशियम की मात्रा कम होती है।
  • सब्जियाँ: लौकी, तोरी, परवल, टिंडा, कद्दू, गाजर आदि सब्जियाँ उबालकर खाएँ ताकि एक्स्ट्रा पोटेशियम कम हो सके।
  • अनाज और दालें: सफेद चावल, दलिया और धुली हुई मूंग दाल (सीमित मात्रा में) खाई जा सकती है।
  • ड्रिंक्स: सही मात्रा में पानी (डॉक्टर की सलाह अनुसार) लेना चाहिए। नारियल पानी डॉक्टर से पूछकर ही लें क्योंकि इसमें पोटेशियम ज़्यादा होता है।

किडनी रोगियों के लिए ज़रूरी परहेज़ – Kidney rogiyon ke liye zaruri parhez

  • ज़्यादा नमक और अचार
  • ज़्यादा प्रोटीन वाली चीजें (जैसे मटन, मछली, दही)
  • डिब्बाबंद और प्रोसेस्ड फूड
  • पोटेशियम से भरपूर फल (केला, संतरा, अनार)
  • सोडा, शराब और जंक फूड

किडनी रोगी के लिए इलाज – Kidney rogi ke liye ilaj

आयुर्वेदिक उपचार किडनी रोग के लिए बहुत अच्छा ऑप्शन है क्योंकि इसके साइड इफेक्ट नहीं होते अगर इलाज किसी अनुभवी आयुर्वेदिक डॉक्टर की देखरेख में हो। आम तौर पर ईन आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल करके किडनी रोग का इलाज किया जा सकता है –

  • पुनर्नवा (Punarnava): यह पेशाब बढ़ा सकती है जिससे सूजन और जलभराव कम होता है।
  • गोखरू (Gokshura): यह पेशाब की जलन और रुकावट को दूर कर किडनी को डिटॉक्स करता है।
  • वरुण (Varun): इससे किडनी स्टोन और मूत्र मार्ग की दिक्कतें दूर हो सकती हैं।
  • त्रिफला: यह खून साफ़ करने और टॉक्सिन्स बाहर निकालने में सहायक है।
  • चंद्रप्रभा वटी: यह मूत्र रोगों और किडनी की कार्यक्षमता बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक दवा है।
  • कुलथी दाल: किडनी स्टोन तोड़ने और मूत्र मार्ग की सफाई में इसका उपयोग किया जाता है।

FAQ

किडनी रोगियों को क्या नहीं खाना चाहिए – Kidney rogiyon ko kya nahi khaana chahiye?

नमक ज़्यादा मात्रा में, प्रोटीन ज्यादा, पोटेशियम वाले फल (केला, संतरा, अनार), अचार, जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड से परहेज़ करना चाहिए।

क्या आयुर्वेदिक इलाज से किडनी रोग ठीक हो सकता है – Kya ayurvedic ilaj se kidney rog theek ho sakta hai?

हाँ, आयुर्वेद रोग की जड़ पर काम करता है। पुनर्नवा, गोखरू, वरुण और चंद्रप्रभा वटी जैसी जड़ी-बूटियाँ किडनी को डिटॉक्स और मजबूत बनाती हैं।

किडनी रोगियों के लिए कौन से फल अच्छे हैं – Kidney rogiyon ke liye kaun se phal achhe hain?

सेब, नाशपाती, पपीता और लाल अंगूर सीमित मात्रा में किडनी रोगियों के लिए अच्छे हैं।

क्या किडनी रोगी दालें खा सकते हैं – Kya kidney rogi daalein kha sakte hain?

हाँ, लेकिन केवल धुली हुई मूंग दाल सीमित मात्रा में। भारी दालों और राजमा, चना जैसी चीज़ों से बचना चाहिए।

आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको किडनी रोगी के लिए आहार और इलाज के बारे में बताया। लेकिन, आप सिर्फ़ इस जानकारी या सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को किडनी की समस्या है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।

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