यूरिन में प्रोटीन रोकने के उपाय

शरीर के लिए प्रोटीन बेहद जरूरी है। लेकिन जब ये प्रोटीन यूरिन के जरिए बाहर निकलने लगता है और किडनी उसे रोक नहीं पाती। उस प्रोसेस को प्रोटीन्यूरिया कहा जाता है। अगर प्रोटीन यूरिन में ज्यादा तेजी से निकलने लगता है|

तो इससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं खड़ी हो जाती हैं। इसलिए आज हम आपक यूरिन में प्रोटीन रोकने के उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं। इन्हें अपनाकर आप इस समस्या पर काबू पा सकते हैं।  

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पेशाब में प्रोटीन आने की वजह

यूरिन में प्रोटीन आने के कई कारण हो सकते हैं - 

1) किडनी की बीमारी

2) डायबिटीज

3) दिल की बीमारी 

4) ब्लड प्रेशर 

5) बुखार

 

यूरिन में प्रोटीन रोकने के उपाय

1) नमक कम लेंज्यादा नमक खाने से ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है और किडनी भी डैमेज हो सकती है। इससे यूरिन में प्रोटीन भी बढ़ जाता है। जो लोग ज्यादा नमक खाते हैं, उनकी किडनी सही से फिल्टर नहीं कर पाती है। इससे प्रोटीन्यूरिया पर उल्टा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि नमक कम से कम लें।

2) प्रोटीन की मात्रा लें कमडाइट में प्रोटीन की मात्रा को ज्यादा शामिल करने से यूरिन में प्रोटीन लीकेज की प्रॉब्लम बढ़ने लगती है। ये प्रॉब्लम डायबिटीज, किडनी की बीमारी के दौरान ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसे में कम प्रोटीन वाला खाना खाएं। 

3) करें एक्सरसाइजएक्सरसाइज करने के बाद प्रोटीन्यूरिया की प्रॉब्लम ज्यादा बढ़ जाती है। इससे मांसपेशियां डैमे और डिहाइड्रेट होने लगती हैं। ऐसे में कम स्पीड वाली एक्सरसाइज करनी चाहिए। इससे यूरिन में प्रोटीन भी कम जाएगा। इसके लिए आप स्विमिंग जैसी एक्सरसाइज को अपने रूटीन का हिस्सा बना सकते हैं। 

4) ज्यादा लें फाइबरफाइबर को इनडाइजेस्टिबल कार्बोहाइड्रेट माना जाता है। ये ज्यादातर फल, सब्जियों और दूसरे फूड्स में पाया जाता है। फाइबर इंटेस्टाइन में ज्यादा देर तक रहता है। इससे ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है और यूरिन में प्रोटीन आने की समस्या कम होती है। 

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अब जैसा कि आपने जाना कि पेशाब में प्रोटीन रोकने की दवा कौन-सी है। ऐसे में इसे लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।  

आप किडनी में आ रही किसी भी समस्या का इलाज कर्मा आयुर्वेदा में भी करवा सकते हैं, जहां साल 1937 से किडनी रोगियों का इलाज किया जा रहा है जिसे वर्तमान में डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत ने केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा में किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना पूर्णतः प्राचीन भारतीय आयुर्वेद के सहारे से किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है

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