वजन बढ़ना – PCOS की समस्या का एक ख़ास लक्षण – Wajan badhna – PCOS ki samasya ka ek khaas lakshan
वजन बढ़ने पर महिलाएँ अक्सर इसे एक आम समस्या मान लेती हैं लेकिन, कई बार यह PCOS का लक्षण भी हो सकता है। इसलिए, इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। बल्कि, PCOS में वजन तेज़ी से क्यों बढ़ता है – इसका सच्चा कारण जानकार जल्द ही इलाज शुरू करना चाहिए ताकि दिल की बीमारियाँ, टाइप 2 डायबिटीज़, प्रेग्नेंसी में होने वाली दिक्कतें आदि से बचा जा सके। आप चाहें तो कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल से PCOS का आयुर्वेदिक उपचार भी ले सकते हैं लेकिन, पहले PCOS के सारे लक्षण जानकार बीमारी को जल्द पहचानें।
PCOS में 70-80% महिलाओं में इंसुलिन रेज़िस्टेंस होता है यानी बॉडी इंसुलिन तो बनाती है, लेकिन कोशिकाएँ उसे पहचान नहीं पातीं, जिससे ब्लड शुगर कोशिकाओं में नहीं जाती फिर बॉडी और भी ज़्यादा इंसुलिन बनाने लगती है। इस वजह से पेट, कमर और थाइज़ पर फैट जमा होने लगता है और वजन बढ़ने लगता है।
एंड्रोज़ेन लेवल बढ़ने से पेट के आस-पास फैट जमना, मसल मास कम होना, फैट बर्निंग केपेसिटी का घटना। ईन वजहों से बेली फैट तेज़ी से बढ़ने लगता है।
जब थायरॉयड स्लो हो जाता है तो मेटाबॉलिज़्म भी स्लो हो जाता है, कैलोरी कम बर्न होती है, बॉडी में सूजन बढ़ती है जिससे वजन बढ़ जाता है।
PCOS एक इंफ्लेमेटरी कंडीशन होती है। शरीर में लगातार सूजन रहने से फैट कोशिकाएँ तेज़ी से बढ़ती हैं, भूख बढ़ती है, साथ ही शुगर और कार्ब की क्रेविंग होने लगती है। इन्ही सब कारणों से वजन बढ़ता जाता है।
हमारी बॉडी में लेप्टिन नाम का हार्मोन होता है जो भूख को कंट्रोल करता है। यह दिमाग को बताता है कि पेट भर चुका है। PCOS में यह हार्मोन ठीक से काम नहीं कर पाता जिससे बिना ज़रूरत भी भूख लगती है और वजन बढ़ता है।
PCOS में स्ट्रेस बढ़ जाता है। स्ट्रेस हॉर्मोन कॉर्टिसॉल की वजह से पेट पर फैट जमा होने लगता है, शुगर की क्रेविंग बढ़ जाती है और वजन कम नहीं हो पाता। साथ ही नींद खराब होने से मेटाबॉलिज्म और भी ज़्यादा स्लो हो जाता है जिससे वजन बढ़ सकता है।
लंबे समय तक पीरियड्स टाइम पर न आना एस्ट्रोजन-प्रोजेस्टेरोन का बैलेन्स बिगाड़ता है जिससे पानी रुकने लगता है। इससे सूजन होती है, फैट जमा होता है और वजन बढ़ता है।
हार्मोनल गड़बड़ी के कारण अंडाशय और एड्रिनल ग्लैंड्स एक्स्ट्रा एंड्रोज़ेन बनाते हैं।
कई महिलाओं में हाइपोथायरॉयड PCOS के साथ पाया जाता है, जो तेज़ी से वजन बढ़ाता है।
इंसुलिन रेज़िस्टेंस और एंड्रोज़ेन इम्बैलेंस के कारण शरीर फैट बर्न करने की केपेसिटी खो देता है। इस वजह से व्यायाम के बावजूद वजन नहीं घटता।
हाँ, सही डाइट, इंसुलिन कंट्रोल करने वाली लाइफस्टाइल, अच्छी नींद और कम स्ट्रेस से वजन कंट्रोल किया जा सकता है।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको बताया कि, “PCOS में वजन तेज़ी से क्यों बढ़ता है? और इसका सच्चा कारण क्या है?”। लेकिन, आप सिर्फ़ इस जानकारी या सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आप या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को PCOS की समस्या है या वजन बढ़ने का लक्षण दिखाई देता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से PCOS का आयुर्वेदिक उपचार लें। यहाँ आपको उपचार के साथ-साथ PCOS में ली जाने वाली सही डाइट की जानकारी और कंसल्टेंसी भी मिलेगी। हेल्थ से जुड़े ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।
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