छोटी-सी हरकत करने पर भी कमर में झटके जैसा दर्द महसूस होना - कमर दर्द की ये परेशानी ज़्यादा उम्र के लोगों को ही नहीं, बल्कि, अब युवाओं में भी बढ़ रही है। इसलिए कमर दर्द का रामबाण इलाज जानना ज़रूरी है। लेकिन पहले समझ लेना चाहिए कि कमर दर्द क्या है और क्या इसके कारण और लक्षण हैं।
कमर दर्द पीठ के निचले हिस्से (Lower Back) में महसूस होने वाला दर्द है, जो कभी हल्का और कभी तीव्र हो सकता है। यह दर्द एक जगह सीमित रह सकता है या फिर कूल्हों, जांघों और पैरों तक फैल सकता है।
ईन कारणों से कमर दर्द हो सकता है -
ईन लक्षणों से कमर दर्द की पहचान की जा सकती है -
ईन उपायों से कमर दर्द का रामबाण इलाज किया जा सकता है -
कमर दर्द का आयुर्वेदिक इलाज
लहसुन का सेवन: लहसुन में एंटी-इंफ्लेमेटरी और दर्द निवारक गुण होते हैं। रोज़ सुबह खाली पेट 2-3 लहसुन की कलियां खाएं। आप लहसुन तेल से मालिश भी कर सकते हैं।
सरसों के तेल की मालिश: यह ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है और सूजन को कम करता है। हल्का गर्म सरसों तेल लेकर कमर की मालिश करें। इसमें अजवाइन और लहसुन डालकर गर्म करें तो और लाभ होगा।
हल्दी वाला दूध: यह नेचुरल पेनकिलर है और सूजन कम करता है। एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर रात को पिएं।
मेथी का सेवन: एंटी-ऑक्सीडेंट और दर्द निवारक गुणों से भरपूर। मेथी दाना को भूनकर उसका चूर्ण बनाएं और रोज सुबह खाली पेट एक चम्मच गर्म पानी के साथ लें।
सेंधा नमक से गर्म पानी की सिकाई: यह मांसपेशियों को आराम देता है और सूजन कम करता है। गर्म पानी में सेंधा नमक मिलाएं और तौलिये से सिकाई करें।
योग से कमर दर्द में नेचुरल राहत मिलती है। रोज़ाना 15-20 मिनट का योग कमर को मजबूत और लचीला बनाता है।
उपयोगी योगासन:
योग करते समय किसी ट्रेनर की देखरेख में ही शुरुआत करें।
ईन उपायों का इस्तेमाल करके व्यक्ति कमर दर्द से बच सकता है -
कमर दर्द के लक्षण, कारण और ईलाज के अलावा इस समस्या के बारे में कुछ ज़रूरी सवाल और जानकारियाँ नीचे दी गयी हैं।
सरसों तेल, नारियल तेल, और लहसुन तेल कमर दर्द के लिए उत्तम माने जाते हैं। आप इनमें अजवाइन और मेथी डालकर हल्का गर्म करके मालिश करें।
हल्के दर्द के लिए पैरासिटामोल या आयुर्वेदिक गोली जैसे योगराज गुग्गुलु, वातनाशक वटी उपयुक्त होती हैं। लेकिन कोई भी दवा डॉक्टर की सलाह से लें।
शुरुआती दिनों में बर्फ की सिकाई करना बेहतर होता है। इससे सूजन और दर्द कम होता है। लेकिन 2-3 दिन बाद, गर्म सिकाई (हीटिंग पैड या गर्म पानी की बोतल) करने से मांसपेशियां ढीली होती हैं और ब्लड फ्लो बढ़ता है, जिससे दर्द में और राहत मिलती है।
अगर दर्द पैरों में फैलने लगे, झुनझुनी हो, या पेशाब-मल की समस्या होने लगे, तो यह स्लिप डिस्क या नस दबने का संकेत हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको कमर दर्द का रामबाण इलाज बताया। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को कमर दर्द की समस्या है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।
Second Floor, 77, Block C, Tarun Enclave, Pitampura, New Delhi, Delhi, 110034