किडनी स्टोन के लक्षण और आयुर्वेदिक इलाज – Kidney Stone Ke Lakshan Aur Ayurvedic Ilaj
किडनी स्टोन की समस्या; बीमारी को जानें और वक़्त पे इलाज कराएँ – Kidney stone ki samasya; bimari ko jaane aur waqt pe ilaj karayein
किडनी में खनिज और लवण का कठोर जमाव होने से किडनी स्टोन होता है। ये खनिज क्रिस्टलीकृत होकर आपस में चिपक जाते हैं फिर पथरी यानी स्टोन बन जाता है। ये पथरी साइज़ में रेत के दाने सी भी हो सकती है और धीरे-धीरे बड़ी होकर 6 मिमी या उससे भी बड़ी हो सकती है। जब यह पेशाब के रास्ते में फंस जाती है तो बहुत ज़्यादा दर्द और जलन होती है। इसलिए, किडनी स्टोन के लक्षण और आयुर्वेदिक इलाज जानकार जल्द से जल्द इलाज कराना चाहिए।
किडनी स्टोन के लक्षण – Kidney stone ke lakshan
- पीठ और बगल में दर्द जो अक्सर तेज़ और रुक-रुक कर होता है, यह कमर तक भी फैल सकता है।
- पेशाब में खून आना (गुलाबी, लाल या भूरा रंग)।
- पेशाब का धुंधला या बदबूदार हो जाना।
- पेशाब करते वक़्त दर्द या जलन।
- बार-बार पेशाब करने का मन होना, भले ही थोड़ी मात्रा में पेशाब आए।
- जी मिचलाना और उल्टी।
- अगर पथरी के साथ इन्फेक्शन हो तो बुखार या ठंड भी लग सकती है।
किडनी स्टोन का आयुर्वेदिक इलाज – Kidney stone ka ayurvedic ilaj
आयुर्वेद में इसे “अश्मरी” रोग कहते हैं। जिसका मतलब है, ऐसा ठोस पदार्थ जो पेशाब के रास्ते में रुकावट पैदा करता है। इसके इलाज के लिए नीचे दी गई ईन आयुर्वेदिक दवाओं को किसी अनुभवी आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से लेना चाहिए।
- 1. वरुणादि काढ़ा: इसे वरुण, गोखरू, पाषाणभेद और पुनर्नवा जैसी जड़ी-बूटियों से तैयार किया जाता है। यह पथरी को धीरे-धीरे गलाने और पेशाब के साथ बाहर निकालने में मदद करता है। 15-20 ml काढ़ा दिन में दो बार खाने के बाद लेना चाहिए।
- 2. गोखरू: यह पेशाब के रास्ते को साफ करता है, सूजन घटाता है और पथरी को तोड़कर बाहर निकालने में मदद करता है। गोखरू का चूर्ण 1 चम्मच गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार लें।
- 3. पाषाणभेद: “पाषाण” यानी पत्थर, “भेद” यानी तोड़ने वाला। यह दवाई किडनी स्टोन को घोलने और दर्द से आराम देने में काफ़ी असरदार है। इसका अर्क या काढ़ा 15 ml दिन में दो बार लिया जा सकता है।
- 4. पुनर्नवा: यह एक कमाल का डिटॉक्सिफ़ायर और पेशाब बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी है। यह किडनी की सूजन कम करती है, पानी की रुकावट घटाती है और किडनी को हेल्दी रखती है।
- 5. गिलोय: इससे इम्यूनिटी स्ट्रॉंग होती है और इन्फेक्शन से बचाव होता है। यह पथरी से होने वाले बुखार या इंफेक्शन में आराम देती है।
- 6. तुलसी का रस: तुलसी पत्तों का रस किडनी की सफाई करता है और यूरिक एसिड लेवल को कंट्रोल में रखता है। 1 चम्मच तुलसी रस में 1 चम्मच शहद मिलाकर 3 महीने तक रेगुलर लें।
- 7. नींबू पानी और नारियल पानी: इसमें मौजूद सिट्रिक एसिड पथरी को घोलने में मदद करता है, जबकि नारियल पानी शरीर को हाइड्रेट रखता है और गंदगी को बाहर निकालता है।
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FAQs
किडनी स्टोन के कारण क्या होते हैं – Kidney stone ke kaaran kya hote hain?
पानी कम पीना, ज़्यादा नमक या प्रोटीन लेना, बार-बार पेशाब रोकना, फॅमिली हिस्ट्री, और मूत्र इन्फेक्शन किडनी स्टोन बनने के ख़ास कारण हैं।
किडनी स्टोन में कौन-से घरेलू उपाय कारगर हैं – Kidney stone mein kaun-se gharelu upaay kaargar hain?
तुलसी का रस, नींबू पानी, नारियल पानी, धनिया काढ़ा, कुल्थी दाल का सूप और सेब का सिरका पथरी को गलाने में मदद करते हैं। इनका रेगुलर सेवन करें और ज़्यादा पानी पिएं।
किडनी स्टोन के मरीज क्या खाएं और क्या न खाएं – Kidney stone ke mareej kya khayein aur kya na khayein?
नींबू पानी, नारियल पानी, लौकी, तरबूज, खीरा और जौ का पानी का सेवन करें। साथ ही कुछ चीजों का परहेज़ करें जैसे पालक, चुकंदर, नमक, रेड मीट और ज़्यादा डेयरी प्रोडक्टस्।
किडनी स्टोन के लिए कौन सी आयुर्वेदिक दवा सबसे असरदार है – Kidney stone ke liye kaun si ayurvedic dawa sabse asardar hai?
गोखरू, वरुणादि काढ़ा, पाषाणभेद, पुनर्नवा और गिलोय सबसे असरदार मानी जाती हैं।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको किडनी स्टोन के लक्षण और आयुर्वेदिक इलाज के बारे में बताया। लेकिन, आप सिर्फ़ इस जानकारी या सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को किडनी स्टोन की समस्या है तो तुरंत किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।