क्या सोरायसिस संक्रामक है? – Kya Psoriasis Sankramak Hai?
सोरायसिस की सही जानकारी लें, अफवाहों से बचें – Psoriasis ki sahi jankari lein, aphavaaho se bachein
सोरायसिस एक क्रोनिक त्वचा रोग है, जिसमें त्वचा की कोशिकाएँ सामान्य से कहीं ज़्यादा तेज़ी से बनने लगती हैं। आमतौर पर त्वचा कोशिकाएँ लगभग 28-30 दिनों में बनती और झड़ती हैं, वहीं सोरायसिस में यह प्रोसेस 3-4 दिनों में पूरी हो जाती है। यह बीमारी से त्वचा से जुड़ी हुई है इसलिए, इसके बारे में कई सारे सवाल लोगों के मन में होते हैं जिनमें से एक है – क्या सोरायसिस संक्रामक है? इसकी पूरी जानकारी नीचे दी गई है, जिसे समझकर बीमारी के उपचार में मदद मिलती है। लेकिन पहले ये जान लें कि लोग क्यों सोरायसिस को संक्रामक समझ लेते हैं।
सोरायसिस को संक्रामक समझने की वजह – Psoriasis ko sankramak samajhne ki wajah
इसके पीछे के कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं –
- त्वचा पर दिखने वाले लक्षण: लाल धब्बे और पपड़ी देखकर लोग इसे फंगल इंफेक्शन या एलर्जी समझ लेते हैं।
- जानकारी की कमी: भारत में अभी भी त्वचा रोगों को लेकर जागरूकता कम है।
- समाज में फैले मिथक: कई लोग सोचते हैं कि हर त्वचा रोग छूने से फैलता है, जो बिल्कुल गलत है।
इस गलतफहमी की वजह से सोरायसिस के मरीजों को मेंटल स्ट्रेस, सामाजिक दूरी और आत्मविश्वास की कमी का सामना करना पड़ता है।
क्या सोरायसिस संक्रामक है? – Kya psoriasis sankramak hai?
नहीं, सोरायसिस बिल्कुल भी संक्रामक नहीं है। क्योंकि यह बीमारी;
- छूने से नहीं फैलती
- साथ बैठने से नहीं फैलती
- कपड़े, तौलिया, बिस्तर शेयर करने से नहीं फैलती
- खांसने, छींकने या कॉन्टेक्ट में आने से नहीं फैलती
सोरायसिस का असली कारण – Psoriasis ka asali kaaran
आमतौर पर सोरायसिस के पीछे ये कारण हो सकते हैं –
- ऑटोइम्यून कारण
इसमें बॉडी का इम्यून सिस्टम गलती से अपनी ही त्वचा कोशिकाओं पर हमला करने लगता है।
- जनेटिक कारण
अगर परिवार में किसी को सोरायसिस है, तो इसकी संभावना बढ़ सकती है।
- तनाव
लंबे समय तक होने वाला मेंटल स्ट्रेस सोरायसिस को ट्रिगर कर सकता है।
- इन्फेक्शन या चोट
गले का इन्फेक्शन, त्वचा पर चोट या जलन सोरायसिस को बढ़ा सकती है।
- गलत लाइफस्टाइल
धूम्रपान, शराब, जंक फूड, नींद की कमी आदि सोरायसिस को ट्रिगर कर सकते हैं।
सोरायसिस के ख़ास लक्षण – Psoriasis ke khaas lakshan
यह बीमारी हर व्यक्ति में अलग-अलग रूप में दिखाई दे सकती है। लेकिन इसके आम लक्षण इस प्रकार हैं –
- लाल, उभरे हुए चकत्ते
- सफ़ेद या चाँदी जैसी पपड़ी
- तेज़ खुजली
- त्वचा का फटना और खून आना
- जोड़ों में दर्द
सोरायसिस का आयुर्वेदिक दृष्टिकोण – Psoriasis ka ayurvedic drishtikon
आयुर्वेद में सोरायसिस को “कुष्ठ रोग” माना गया है, जो ख़ासकर पित्त दोष, वात दोष, रक्त दूषण के असंतुलन से होता है। आयुर्वेद केवल त्वचा नहीं, बल्कि पूरे शरीर की शुद्धि पर ध्यान देता है।
सोरायसिस का आयुर्वेदिक उपचार – Psoriasis ka ayurvedic upchaar
- पंचकर्म चिकित्सा: विरेचन, बस्ती, रक्त शोधन – ये बॉडी से विषैले तत्व बाहर निकालते हैं।
- हर्बल औषधियाँ: नीम, मंजीष्ठा, गंधक, खदिर – ईन दवाओं को किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह पर लें।
- आहार और रूटीन: हल्का, सात्विक भोजन लें। साथ ही तला-भुना और बहुत मसालेदार खाना बंद करें। शराब, धूम्रपान से दूरी बनाएँ और समय पर नींद लें।
FAQs
क्या सोरायसिस खून के संपर्क से फैलता है? – Kya psoriasis khoon ke sampark se failta hai?
नहीं, सोरायसिस कोई इन्फेक्शन नहीं है, इसलिए खून के संपर्क से भी नहीं फैलता।
क्या सोरायसिस बच्चों में फैल सकता है? – Kya psoriasis baccho mein fail sakta hai?
सोरायसिस बच्चों में हो सकता है, लेकिन यह किसी से फैलकर नहीं होता।
क्या सोरायसिस बार-बार लौटता है? – Kya psoriasis baar-baar lautata hai?
हाँ, यह एक क्रॉनिक बीमारी है, इसलिए लक्षण कम-ज़्यादा हो सकते हैं और दोबारा आ सकते हैं।
क्या सोरायसिस में नहाना नुकसानदायक है? – Kya psoriasis mein nahaana nuksaandayak hai?
नहीं, हल्के गुनगुने पानी से नहाना फायदेमंद होता है, बस ज्यादा रगड़ से बचें।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको बताया कि क्या सोरायसिस संक्रामक है? लेकिन, आप सिर्फ़ इस जानकारी या सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आप या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को सोरायसिस की समस्या है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से सोरायसिस की बीमारी का आयुर्वेदिक उपचार लें। यहाँ आपको उपचार के साथ-साथ सोरायसिस के लिए उपयोगी हेल्दी डाइट की जानकारी और ज़रूरी परामर्श भी दिया जाएगा। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।