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आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में गलत खानपान, स्ट्रेस और खराब रूटीन के कारण लोगों में खून की कमी (एनीमिया) एक आम समस्या बन चुकी है। खासकर महिलाओं, बच्चों और वृद्धों में यह परेशानी अधिक देखने को मिलती है। लेकिन अच्छी खबर ये है कि बिना किसी साइड इफेक्ट के देसी दवाओं और आयुर्वेदिक उपायों से खून की कमी को दूर किया जा सकता है। इसलिए खून बढ़ाने की देसी दवा के बारे में जानना चाहिए। लेकिन इसके पहले इस बीमारी के बारे में कुछ आम जानकारियाँ लेनी चाहिए जो नीचे दी गयी हैं।
अगर आपके शरीर में खून की कमी है, तो ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं:
गुड़ (jaggery) और तिल (sesame seeds) दोनों ही आयरन के बेहतरीन सोर्स हैं। रोजाना 1 चम्मच तिल और 20-30 ग्राम गुड़ का सेवन करने से शरीर में खून तेजी से बनता है। गुड़ और भुने तिल को मिलाकर लड्डू बनाएं और रोजाना 1 खाएं। या फिर चाय की जगह गुड़ वाला गर्म पानी पिएं।
अश्वगंधा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या भी बढ़ाता है। यह थकान को कम कर शरीर को ऊर्जा देता है। रोजाना रात को दूध के साथ 1/2 चम्मच अश्वगंधा चूर्ण लें।
शतावरी महिलाओं में हार्मोनल बैलेंस बनाए रखने और खून की कमी को दूर करने में सहायक है। यह हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करती है। 1 चम्मच शतावरी चूर्ण को गर्म दूध में मिलाकर रोज पिएं।
द्राक्षारिष्ट एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक सिरप है जो पाचन सुधारता है, भूख बढ़ाता है और खून की मात्रा को तेजी से बढ़ाता है। यह सिरप विशेष रूप से एनीमिया के लिए दिया जाता है। 15-20 ml द्राक्षारिष्ट को पानी के साथ दिन में दो बार लें।
पुनर्नवा मंडूर आयुर्वेद की प्रसिद्ध दवा है जो खून की कमी, सूजन और थकान में लाभकारी है। यह लिवर को भी मजबूत बनाती है। डॉक्टर की सलाह से दिन में 1-2 गोली पानी या शहद के साथ लें।
चुकंदर आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन C से भरपूर होता है। यह खून बनाने की प्रोसेस को तेज करता है। रोजाना 1 ग्लास चुकंदर का जूस पिएं या सलाद में शामिल करें।
अनार का सेवन लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या बढ़ाने में सहायक होता है। यह एंटीऑक्सीडेंट और आयरन से भरपूर होता है।
पालक, सरसों, मेथी जैसी हरी सब्जियाँ आयरन और फोलिक एसिड का अच्छा सोर्स हैं।
खजूर और अंजीर में आयरन, मैग्नीशियम और पोटैशियम होता है जो खून बढ़ाने के साथ शरीर को ताकत देता है।
सुबह खाली पेट इस मिश्रण को पीने से खून तेजी से बनता है और शरीर डिटॉक्स भी होता है।
ये दोनों ही शरीर को आयरन, विटामिन A और C देते हैं। रोजाना सेवन से एनीमिया दूर होता है।
यह मिश्रण खून की गुणवत्ता सुधारने और पाचन स्ट्रोंग करने में सहायक है।
खून की कमी के लक्षण, कारण और इलाज के अलावा इस रोग से जुड़े कुछ ज़रूरी सवाल और जानकारियाँ नीचे दी गयी हैं जो रोगी को फायदा पहुंचा सकती हैं।
हां, यदि समस्या गंभीर नहीं है और समय रहते उपचार शुरू कर दिया जाए, तो आयुर्वेदिक दवाएं और देसी उपाय से हीमोग्लोबिन को सामान्य किया जा सकता है। लेकिन गंभीर मामलों में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
आमतौर पर 15-30 दिनों के भीतर सुधार दिखने लगता है, लेकिन यह व्यक्ति की स्थिति और नियमितता पर निर्भर करता है।
कुछ आयुर्वेदिक दवाएं बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए भी सुरक्षित होती हैं, जैसे द्राक्षारिष्ट और शतावरी, लेकिन इन्हें देने से पहले किसी वैद्य या डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
हां, आप एलोपैथिक ट्रीटमेंट के साथ-साथ देसी दवाएं भी ले सकते हैं, बशर्ते दोनों के बीच उचित समय अंतराल रखें और डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको खून बढ़ाने की देसी दवा के बारे में बताया। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को खून की कमी (एनीमिया) की समस्या है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।
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