घुटनों में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज – Ghutno Mein Dard Ka Ayurvedic Ilaj
घुटनों में दर्द; अब जवान लोगों में भी – Ghutno mein dard; Ab jawaan logo mein bhi
जो बीमारी पहले बुढ़ापे में होती थी वो अब यंग लोगों में भी दिखने को मिल रही है। ऐसी ही एक बीमारी है - घुटनों में दर्द। बाज़ार में इसके इलाज के लिए अंग्रेजी दवाइयां और एलोपैथिक ट्रीटमेंट मौजूद हैं लेकिन, अक्सर इनके साइड इफेक्ट्स होते हैं, इसलिए लोग घुटनों में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज चाहते हैं। लेकिन, पहले इस समस्या के बारे में दूसरी आम जानकारी लेनी चाहिए जो नीचे दी गयी है।
घुटनों में दर्द क्यों होता है – Ghutno mein dard kyon hota hai?
आम तौर पर ईन कारणों से घुटनों में दर्द होता है –
- चोट: मोच, खिंचाव, फटे हुए लिगामेंट या उपास्थि, और फ्रैक्चर जैसी चोटें।
- ज़्यादा इस्तेमाल: खेल या दूसरी फिजिकल एक्टिविटी के दौरान घुटने पर ज़्यादा प्रेशर पड़ने से ‘कंडरा में सूजन’ या ‘बर्सा में सूजन’ जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- गठिया: ऑस्टियोआर्थराइटिस, रूमेटाइड गठिया, और गाउट जैसी कंडीशन।
- उम्र बढ़ना: उम्र के साथ, घुटने के जोड़ में उपास्थि घिस जाती है, जिससे ऑस्टियोआर्थराइटिस और दर्द हो सकता है।
- दुसरे कारण: मोटापा, गलत पोजीशन, और कुछ मेडिकल कंडीशन भी घुटने के दर्द का कारण बन सकती हैं।
घुटनों में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज – Ghutno mein dard ka ayurvedic ilaj
ईन प्राकृतिक दवाओं और घरेलु उपायों का इस्तेमाल करके घुटनों में दर्द का आयुर्वेदिक उपचार किया जा सकता है –
- हल्दी और अदरक का पेस्ट: हल्दी और अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
- मेथी के बीज: मेथी के दानों को रात भर भिगोकर, सुबह पीसकर सेवन करने से घुटनों के दर्द में आराम मिलता है।
- सरसों का तेल और लहसुन: सरसों के तेल में लहसुन की कलियां डालकर गर्म करके मालिश करने से दर्द में राहत मिलती है।
- गर्म पानी से सिकाई: गर्म पानी से सिकाई करने से भी दर्द और सूजन कम होती है।
- अश्वगंधा और सोंठ का मिश्रण: 40 ग्राम अश्वगंधा पाउडर, 20 ग्राम सोंठ पाउडर और 40 ग्राम खांड पाउडर को मिलाकर सुबह-शाम गर्म दूध के साथ लेने से जोड़ों के दर्द और सूजन में आराम मिलता है।
- गुग्गुल: गुग्गुल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं और यह वात को शांत करता है, जिससे दर्द कम होता है। गुग्गुल घुटनों में दर्द की सबसे असरदार दवा है।
- पंचकर्म: इसमें कुछ आयुर्वेदिक थेरेपी होती हैं जैसे विरेचन और बस्ती जो शरीर को शुद्ध करते हैं और जोड़ों की हेल्थ में सुधार करते हैं।
- योग और व्यायाम: योग और व्यायाम घुटनों के लचीलेपन को बेहतर बनाने और मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करते हैं, जिससे दर्द कम होता है।
- कफ-शांत करने वाली डाइट: गर्म, हल्की और फाइबर वाली चीज़ें खाना बेहतर होता है। इससे डाईजेशन सुधरता है और सूजन कम होती है।
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FAQs
घुटने पर कौन-सा लेप लगाएं – Ghutne par kaun-sa tel lagaaye?
अरंडी का तेल, शहद, दालचीनी और चुना मिलाकर लेप बनाना असरदार घरेलू उपाय है।
आयुर्वेद में घुटने की सूजन और जकड़न (Stiffness) से कैसे राहत मिले - Ayurved mein ghutne ki soojan aur jakdan se kaise raahat mile?
हर्बल पेस्ट, पिंड स्वेद और काढ़ा धारा जैसे उपायों से आराम मिलता है।
घुटने का दर्द आयुर्वेद में कैसे होता है – ghutne ka dard ayurved mein kaise hota hai?
आयुर्वेद के अनुसार वात, पित्त और कफ दोषों के असंतुलन से घुटनों में दर्द होता है।
आयुर्वेद में जीवनशैली का क्या योगदान रहता है – Ayurved mein jivanshaili ka kya yogdaan rahta hai?
सही डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज़, स्ट्रेस मैनेजमेंट और योग जोड़ों की सेहत बनाए रखने के लिए ज़रूरी हैं। ये शरीर के तीनों दोषों को बैलेंस करते हैं।
किस दोष के कारण घुटनों में दर्द होता है – Kis dosh ke karan ghutno mein dard hota hai?
वात दोष के असंतुलन के कारण सूखापन और अकड़न होती है। पित्त दोष सूजन और गर्मी देता है। कफ दोष ज़्यादा प्रेशर और दर्द का कारण बनता है।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको घुटनों में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज बताया। लेकिन आप सिर्फ़ इस जानकारी या सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को घुटनों में दर्द की समस्या है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।