थायराइड में क्या खाएं और क्या न खाएं – Thyroid Mein Kya Khayein Aur Kya Na Khayein?
थायराइड रोग क्या है – Thyroid rog kya hai?
थायराइड रोग एक ऐसी कन्डिशन है जिसमें थायरॉयड ग्रंथि – जो गर्दन के सामने छोटी तितली के आकार की होती है – या तो बहुत ज़्यादा या बहुत कम मात्रा में हार्मोन बनाती है। ये हार्मोन बॉडी के मेटाबोलिज्म और एनर्जी के इस्तेमाल को कंट्रोल करते हैं। इस बीमारी में सही खानपान लेना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि यह हार्मोन के प्रोडक्शन और मेटाबॉलिज्म, दोनों पर असर डालता है। इसलिए, इस बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए कि “थायराइड में क्या खाएं और क्या न खाएं?” लेकिन पहले थायराइड के कारण, लक्षण और प्रकार भी जान लेने चाहिए ताकि थायराइड के उपचार में मदद मिल सके।
थायराइड के कारण – Thyroid ke kaaran
- ऑटोइम्यून रोग; जैसे हाशिमोटो रोग ऑटोइम्यून विकार।
- आयोडीन की कमी
- थायरॉयडाइटिस यानी थायरॉयड ग्रंथि में सूजन।
- कुछ बच्चों में जन्म से ही थायरॉयड ग्रंथि ठीक से काम नहीं करती है।
थायराइड के लक्षण – Thyroid ke lakshan
- वजन में बदलाव; बढ़ना या घटना
- थकान और कमज़ोरी
- गर्मी या ठंड के प्रति ज़्यादा सेन्सिटिव होना
- हार्ट बीट में बदलाव
- आंतों की स्पीड में बदलाव
- डिप्रेशन होना या मूड बदलना
- स्किन, बालों और नाखूनों में बदलाव जैसे स्किन का सूखा पड़ना या बाल झड़ना
- गर्दन में गांठ या सूजन
थायराइड के प्रकार – Thyroid ke prakaar
- हाइपोथायरायडिज्म: इसमें थायरॉइड ग्रंथि सही मात्रा में हार्मोन नहीं बनाती।
- हाइपरथायरायडिज्म: इसमें थायरॉइड ग्रंथि बहुत ज़्यादा थायरॉइड हार्मोन बनाती है।
- हाशिमोटो थायरॉयडिटिस: यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें हमारा इम्यून सिस्टम खुद थायरॉइड पर हमला करता है।
- ग्रेव्स रोग: यह भी एक ऑटोइम्यून विकार है जिससे हाइपरथायरायडिज्म होता है।
- थायरॉइड नोड्यूल्स: ये थायरॉइड ग्रंथि में बनने वाली गांठें होती हैं।
- गण्डमाला: इसमें थायरॉइड ग्रंथि बढ़ जाती है, जो हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म दोनों में हो सकता है।
- थायरॉइडिटिस: इसमें थायरॉइड ग्रंथि में सूजन आ जाती है।
- थायरॉइड कैंसर: यह थायरॉइड ग्रंथि में होने वाला कैंसर है, जो 4 टाइप का होता है – पैपिलरी, फॉलिक्युलर, मेडुलरी और एनाप्लास्टिक।
थायराइड में क्या खाएं और क्या न खाएं – Thyroid mein kya khayein aur kya na khayein?
आम तौर पर थायराइड की बीमारी में नीचे दी गई ईन चीज़ों को डाइट में शामिल करना चाहिए –
- आयोडीन वाला नमक: आयोडीन थायराइड हार्मोन बनाने में हेल्प करता है। इसलिए, ख़ासकर हाइपोथायराइड में अपनी डाइट में आयोडीन वाला नमक ज़रूर लें।
- सेलेनियम और जिंक वाली चीजें: अखरोट, कद्दू के बीज, सूरजमुखी के बीज और साबुत अनाज खाने से थायराइड ग्रंथि ऐक्टिव रहती है।
- फाइबर लें: ओट्स, फल, सब्जियाँ और दालें डाइजेशन सुधारती हैं और वजन कंट्रोल करती हैं, जो थायराइड रोगियों के लिए ज़रूरी है।
- विटामिन D और B12: सुबह की धूप का सेवन करें। साथ ही दूध, दही आदि खाएँ।
- आयुर्वेदिक ड्रिंक्स: त्रिफला चूर्ण, हल्दी वाला दूध या अश्वगंधा आदि ड्रिंक्स लेने से हार्मोन बैलेन्स करने में मदद मिलती है। लेकिन, इनका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।
ईन चीज़ों का थायराइड की बीमारी में परहेज़ करें –
- गोइट्रोजन वाली सब्जियाँ: पत्ता गोभी, फूलगोभी, ब्रोकली, मूली आदि हाइपोथायराइड में कम मात्रा में खाएँ और इन्हें कभी भी कच्चा न खाएँ, हमेशा पकाकर खाएँ।
- ज़्यादा चीनी और मैदा: इनसें वजन बढ़ता है और हार्मोन का बैलेन्स बिगड़ सकता है। इसलिए इनसें दूर रहें।
- ज़्यादा सोया प्रोटीन: सोया थायराइड हार्मोन के शरीर पर असर में रुकावट डाल सकता है, इसलिए इसे लिमिट में ही लें।
- कैफीन और जंक फूड: कॉफी, कोल्ड ड्रिंक, और फास्ट फूड बॉडी में सूजन और थकान बढ़ा सकते हैं। इनका परहेज़ करें।
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FAQs
क्या थायराइड में दूध पी सकते हैं – Kya thyroid mein doodh pee sakte hain?
हाँ, लेकिन स्किम्ड या लो-फैट दूध लें क्योंकि यह कैल्शियम और विटामिन D का अच्छा सोर्स है।
थायराइड में वजन कैसे कंट्रोल करें – Thyroid mein wajan kaise control karein?
फाइबर वाली चीज़ें खाएँ, रेगुलर योग करें, अच्छी नींद लें और स्ट्रेस कम करें – इस तरह वजन कंट्रोल किया जा सकता है।
क्या थायराइड में मीठा खा सकते हैं – Kya thyroid mein meetha kha sakte hain?
ज़्यादा मीठा या चीनी से बनी चीजें न खाएँ, क्योंकि ये वजन बढ़ा सकती हैं और हार्मोन का बैलेन्स बिगाड़ सकती हैं।
क्या थायराइड में उपवास करना चाहिए – Kya thyroid mein upwaas karna chahiye?
लंबा उपवास ना करें। हल्का और संतुलित खाना लेते रहें ताकि हार्मोन लेवल स्थिर रहे।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको बताया कि “थायराइड में क्या खाएं और क्या न खाएं?” लेकिन, आप सिर्फ़ इस जानकारी या सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आप या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को थायराइड की समस्या है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से थायराइड का आयुर्वेदिक उपचार लें। यहाँ आपको उपचार के साथ-साथ रोगी विशेष डाइट चार्ट और कंसल्टेंसी भी मिलेगी। हेल्थ से जुड़े ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।