आमतौर पर किडनी की बीमारी में बहुत लंबे समय तक लक्षण साफ नहीं दिखते या अक्सर दिखाई देने वाले लक्षण बहुत आम से होते हैं, जैसे पेशाब में जलन, जिसे किसी नॉर्मल बीमारी का संकेत मानकर इग्नोर कर दिया जाता है। लेकिन, अगर ऐसा बार-बार हो तो अलर्ट हो जाना चाहिए और जानना चाहिए कि पेशाब में जलन बार-बार क्यों होती है? क्या किडनी इंफेक्शन है? आप चाहे तो किडनी इन्फेक्शन का आयुर्वेदिक उपचार कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल से ले सकते हैं लेकिन पहले, पेशाब में जलन के साथ-साथ दूसरे लक्षणों के बारे में भी जान लें जिनकी जानकारी नीचे दी गई है।
नीचे दिए गए ईन कारणों से पता चलता है कि पेशाब में बार-बार जलन क्यों होती है और किस तरह यह किडनी इन्फेक्शन का लक्षण हो सकता है –
बैक्टीरिया पेशाब के रास्ते में पहुंच जाते हैं जिससे पेशाब करते वक़्त जलन, दर्द और बार-बार पेशाब की इच्छा होती है। अक्सर पेशाब में बदबू या मटमैला रंग भी दिखाई देता है। ज़्यादातर मामलों में जलन सिर्फ ब्लैडर या यूरिन पाइप के इंफेक्शन से होती है और किडनी तक नहीं पहुँचती।
इससे पेशाब गाढ़ा हो जाता है, एसिडिक यूरिन से जलन होती है और गर्मी में समस्या ज़्यादा बढ़ती है।
फंगल या बैक्टीरियल इंफेक्शन से पेशाब करते समय जलन होती है। साथ ही सफेद डिस्चार्ज या खुजली हो सकती है।
अक्सर प्रोस्टेट में सूजन, पेशाब में जलन और पेशाब ठीक से न आने जैसे लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं।
ऐसे में बैक्टीरिया बढ़ने का मौका मिलता है, इंफेक्शन और जलन बढ़ती है।
इनका ज़्यादा सेवन करने से यूरिन ज़्यादा एसिडिक बनता है, जिससे ब्लैडर को दिक्कत होती है।
छोटे स्टोन पेशाब के रास्ते को खुरचते हैं जिससे जलन होती है, दर्द होता है और कभी-कभी खून भी आता है।
दिन में 8-10 गिलास पानी पियें, पेशाब आने दें, रोकें नहीं, ताकि बैक्टीरिया यूरिन के साथ बाहर निकल जाएँ।
इसे दिन में 1-2 बार पियें जिससे शरीर को ठंडक मिलती है, यूरिन साफ होता है।
1 चम्मच जौ 1 लीटर पानी में उबालें फिर दिन में 1-2 गिलास पियें। इससे किडनी को फ्लश करने में मदद मिलती है, सूजन और जलन कम होती है।
1 चम्मच धनिया रात में भिगो दें फिर सुबह उबालकर छान लें। इससे मूत्रमार्ग की जलन और इंफेक्शन में मदद मिलती है।
दिन में 1 बार ½ चम्मच अजवाइन उबालकर पिएँ। यह पेशाब की जलन और गैस दोनों में फायदा करता है।
5-7 पत्तों का रस सुबह खाली पेट लेने से एंटी-बैक्टीरियल गुण और इम्युनिटी बढ़ाती है।
दलिया, खिचड़ी, उबली सब्ज़ियाँ और मौसमी फल खाने चाहिए। साथ ही कुछ चीज़ों का परहेज़ करें जैसे – मिर्च-मसाले, तला-भुना, शराब, कोल्ड ड्रिंक।
महिलाओं का मूत्रमार्ग छोटा होता है, जिससे बैक्टीरिया जल्दी पहुँच जाते हैं।
हाँ, खासकर जब जलन के साथ दर्द या खून आए।
हाँ, बहुत तीखा खाना यूरिन को एसिडिक बनाकर जलन बढ़ाता है।
हल्की जलन पानी और सफ़ाई से ठीक हो सकती है, लेकिन बार-बार हो तो इलाज ज़रूरी है।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको बताया कि पेशाब में जलन बार-बार क्यों होती है? क्या किडनी इंफेक्शन है? लेकिन, आप सिर्फ़ इस जानकारी या सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आप या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को पेशाब में बार-बार जलन या किडनी इंफेक्शन की समस्या है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से किडनी इंफेक्शन का आयुर्वेदिक उपचार लें। यहाँ आपको उपचार के साथ-साथ किडनी इंफेक्शन के इलाज में काम आने वाली हेल्दी डाइट की जानकारी और ज़रूरी परामर्श भी दिया जाएगा। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।
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