आज के समय में फैटी लिवर रोग एक आम लेकिन बेहद सिरियस बीमारी बनती जा रही है। पहले यह बीमारी सिर्फ़ ज्यादा शराब पीने वालों में देखी जाती थी, लेकिन अब बिना शराब पिए भी लाखों लोग फैटी लिवर से पीड़ित हैं। हैरानी की बात है कि कम उम्र के युवा, यहां तक कि बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि फैटी लिवर तेजी से क्यों बढ़ रहा है? इसके असली कारण जानें और उपचार लें। लेकिन पहले नीचे दी गई जानकारी लेकर बीमारी को ठीक से समझ लें।
जब लिवर की कोशिकाओं में ज़्यादा फैट जमा हो जाता है, तो इस कन्डिशन को फैटी लिवर कहा जाता है। आमतौर पर लिवर में थोड़ा-बहुत फैट होना ठीक है, लेकिन जब यह 5 से 10% से ज्यादा हो जाए, तो बीमारी की शुरुआत मानी जाती है। फैटी लिवर ख़ासकर दो तरह का होता है:
आम तौर पर नीचे दिए गए ईन कारणों से फैटी लिवर रोग बढ़ जाता है –
आजकल लोग घंटों बैठकर काम करते हैं। ऑफिस वर्क, मोबाइल, टीवी और एक्सरसाइज की कमी से बॉडी में जमा कैलोरी खर्च नहीं हो पाती और यह फैट बनकर लिवर में जमा होने लगती है।
फैटी लिवर का सबसे बड़ा कारण मोटापा, खासकर पेट की चर्बी है। जिन लोगों का वजन ज़्यादा है, कमर का साइज बढ़ा हुआ है, उनमें फैटी लिवर होने का खतरा बढ़ जाता है।
आजकल लोग जंक फूड, फास्ट फूड, पैकेट वाला खाना, ज्यादा तेल-मसाले और मीठा हमारी डाइट बन चुके हैं। इन फूड्स में ट्रांस फैट, रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट, हाई शुगर की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है, जो सीधे लिवर में फैट के रूप में जमा होने लगती है।
टाइप-2 डायबिटीज वाले मरीजों में फैटी लिवर बहुत ज़्यादा होता है। जब बॉडी इंसुलिन का सही इस्तेमाल नहीं कर पाती, तो ब्लड में मौजूद शुगर फैट में बदलकर लिवर में जमा होने लगती है।
जो लोग रेगुलर शराब पीते हैं, उनमें एल्कोहॉलिक फैटी लिवर रोग का खतरा रहता है। शराब लिवर की फैट मेटाबोलिज्म क्षमता को कमज़ोर कर देती है, जिससे फैट जमा होने लगता है।
पानी की कमी से बॉडी के टॉक्सिन्स बाहर नहीं निकल पाते। इससे लिवर पर लोड बढ़ता है और फैट मेटाबोलिज्म स्लो हो जाता है।
लगातार तनाव और नींद की कमी हार्मोनल असंतुलन पैदा करती है। इससे वजन बढ़ता है, इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ता है, लिवर पर एक्स्ट्रा दबाव पड़ता है जो फैटी लिवर को बढ़ावा देता है।
कोल्ड ड्रिंक, पैकेट जूस, एनर्जी ड्रिंक और मिठाइयों में मौजूद फ्रक्टोज लिवर के लिए सबसे ज्यादा नुकसान करते हैं, फ्रक्टोज सीधे लिवर में जाकर फैट में बदल जाता है, जिससे फैटी लिवर तेजी से बढ़ता है।
कुछ दवाइयों का लंबे टाइम तक सेवन भी फैटी लिवर का कारण बन सकता है, जैसे पेनकिलर, स्टेरॉयड, हार्मोनल दवाइयाँ। बिना डॉक्टर को पूछे दवाइयाँ लेना लिवर के लिए खतरनाक हो सकता है।
फैटी लिवर की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि शुरुआत में इसके कोई खास लक्षण नहीं दिखते। हल्की थकान, पेट भारी लगना या भूख कम लगना जैसे लक्षणों को लोग नॉर्मल समझकर इग्नोर कर देते हैं।
हाँ, यह एक साइलेंट डिजीज है जो बिना लक्षण के बढ़ती है।
अल्ट्रासाउंड और लिवर फंक्शन टेस्ट से फैटी लिवर की जाँच होती है।
मोटे, डायबिटीज मरीज और कम फिज़िकल ऐक्टिविटी वाले लोगों को फैटी लिवर ज़्यादा होता है।
हाँ, जंक फूड और मोबाइल लाइफस्टाइल के कारण यह रोग बच्चों में भी हो सकता है।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको बताया कि फैटी लिवर तेजी से क्यों बढ़ रहा है? इसका असली कारण जानें और इलाज कराए। लेकिन, आप सिर्फ़ इस जानकारी या सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आप या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को फैटी लिवर की समस्या है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से फैटी लिवर का आयुर्वेदिक उपचार लें। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।
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