बिना डायलिसिस किडनी का इलाज

बिना डायलिसिस किडनी का इलाज – Bina Dialysis Kidney Ka Ilaj

किडनी डायलिसिस क्या है – Kidney Dialysis kya hai?

जब किडनी बहुत ज़्यादा खराब हो जाती है तब मशीन के ज़रिये खून को पंप करके उसे फ़िल्टर किया जाता है और साफ़ खून को वापस बॉडी में भेज जाता है। इसी प्रोसेस को किडनी डायलिसिस कहते हैं। यह एक बहुत ही जटिल प्रोसेस है। इसकी दिक्कतों और जटिलताओं की वजह से बिना डायलिसिस किडनी का इलाज करवाना बेहतर होता है। लेकिन, पहले समझ लेना चाहिए कि डायलिसिस कितने टाइप का होता है और इसमें आने वाली दिक्कतें क्या हैं।

किडनी डायलिसिस के प्रकार – Kidney dialysis ke prakar

  • हेमोडायलिसिस: इसमें एक छोटी ट्यूब के माध्यम से खून बाहर निकाला जाता है फिर डायलाइज़र नामक मशीन में पंप किया जाता है, जो कृत्रिम किडनी की तरह काम करता है। यहाँ वेस्ट मटेरियल और एक्स्ट्रा पानी आदि फ़िल्टर हो जाते हैं और साफ़ खून वापस ट्यूब के माध्यम से बॉडी में पहुंचाया जाता है।
  • पेरिटोनियल डायलिसिस: इसमें पेट कि गुहा में एक कैथेटर यानी ट्यूब डाल जाता है फिर पेरिटोनियम (पेट कि गुहा में मौजूद एक झिल्ली जो फ़िल्टर कि तरह काम कर सकती है) की मदद से खून को फ़िल्टर किया जाता है जिसके लिए पेरिटोनियम में एक खास तरह का लिक्विड मिलाया जाता है।
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किडनी डायलिसिस की जटिलताएँ – Kidney dialysis ki jatiltayein

  • इन्फेक्शन
  • ब्लीडिंग
  • द्रव का ओवरलोड़
  • इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन
  • दिल से जुड़ी दिक्कतें
  • हेमोडायलिसिस में खून का लीकेज
  • एनीमिया
  • पेरिटोनाइटिस
  • थ्रोम्बोम्बोलिज़्म
  • सेकेंडरी हाइपरपैराथायरायडिज्म
  • हर्निया
  • मेंटल स्ट्रेस या डिप्रेशन

बिना डायलिसिस किडनी का इलाज – Bina dialysis kidney ka ilaj

आयुर्वेदिक उपचार से बिना डायलिसिस भी किडनी का सफल इलाज किया जा सकता है जिसके लिए ईन तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है –

किडनी की आयुर्वेदिक दवाई – Kidney ki ayurvedic dawai

  • पुनर्नवा (Punarnava): यह पेशाब की मात्रा बढ़ाती है और सूजन कम कर सकती है।
  • गोखरू (Gokshura): यह पेशाब के रास्ते की रुकावटें दूर करती हैं।
  • वरुण (Varuna): यह किडनी स्टोन में सहायक है।
  • त्रिफला: इससे शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं।
  • चंद्रप्रभा वटी: यह पेशाब से जुड़ी दिक्कतों में उपयोगी है।

पंचकर्म चिकित्सा – Panchkarma Chikitsa

  • बस्ती चिकित्सा (Medicated enema): इसमें हर्बल काढ़े और औषधीय तेलों को मलाशय के माध्यम से बड़ी आंत में डाला जाता है।
  • विरेचन (Purgation therapy): इसका उपयोग शरीर से टॉक्सिन्स निकालने के लिए किया जाता है।

योग और प्राणायाम – Yog aur pranayam

अनुलोम-विलोम और भ्रामरी प्राणायाम से तनाव कम और शरीर की ऊर्जा को बैलन्स किया जा सकता है। इसके अलावा मार्जरी आसन, भुजंगासन और पवन मुक्तासन किडनी के ब्लड फ्लो को सुधारने में सहायक हैं।

डाइट में सुधार – Diet mein sudhaar

  • किडनी रोगी सिर्फ़ सेंधा नमक ही लें वो भी सीमित मात्रा में।
  • प्रोटीन लिमिट में लें; खासकर रेड मीट और दालें ना खाएँ।
  • सही मात्रा में पानी लें; यूरिन कम बनने पर पानी ज़्यादा पीना उल्टा असर कर सकता है।
  • फॉस्फोरस व पोटैशियम की मात्रा पर ध्यान दें।
  • फास्ट फूड/पैकेज्ड फूड/जंक फूड से दूर रहें।
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FAQ

क्रिएटिनिन कम करने के आयुर्वेदिक उपाय क्या हैं – Creatinine kam karne ke ayurvedic upaay kya hain?

पुनर्नवा, गोखरू, नीम, त्रिफला और जीवामृत जैसे आयुर्वेदिक पदार्थों से कुछ मरीजों को लाभ मिला है। साथ में प्रोटीन और नमक का सेवन सीमित करना जरूरी है।

सबसे प्रभावी आयुर्वेदिक दवा कौन सी है किडनी के लिए – Sabse prabhaavi ayurvedic dawa kaun si hai kidney ke liye?

पुनर्नवा मंडूर, चंद्रप्रभा वटी, वरुणादी क्वाथ, गोक्षुरादि गुग्गुलु – आयुर्वेद में प्रमुख माने जाते हैं।

क्या क्रिएटिनिन सिर्फ डाइट से कम हो सकता है – Kya creatinine sirf diet se kam ho sakta hai?

हां, कुछ हद तक। कम प्रोटीन, कम पोटैशियम, कम फॉस्फोरस डाइट (जैसे सेब, फूलगोभी, लौकी, सफेद चावल आदि) क्रिएटिनिन को कंट्रोल करने में सहायक होती है।

कौन-कौन से घरेलू उपाय किडनी को स्वस्थ रखते हैं – Kaun-kaun se gharelu upaay kidney ko swasth rakhte hain?

लौकी का रस, धनिया पानी, पुनर्नवा का काढ़ा, नींबू पानी (बिना नमक), और हर्बल टी उपयोगी माने जाते हैं।

कौन से फल और सब्जियाँ किडनी के लिए नुकसानदायक हैं – Kaun se phal aur sabziyaan kidney ke liye nuksaandaayak hain?

केला, आलू, टमाटर, नारियल पानी, पालक, संतरा – इनमें पोटेशियम अधिक होता है, जिन्हें गंभीर मरीजों को सीमित करना चाहिए।

आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको बिना डायलिसिस किडनी का इलाज बताया। लेकिन, आप सिर्फ़ इस जानकारी या सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को किडनी की कोई समस्या है तो तुरंत नज़दीकी आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में इलाज करवाएँ।

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