किडनी रोग में परहेज और उपचार

किडनी रोग में परहेज और उपचार – Kidney Rog Mein Parhez Aur Upchaar

किडनी रोग क्या है – Kidney rog kya hai?

यह एक ऐसी कन्डिशन है जिसमें हमारी किडनी खराब हो जाती है और खून ठीक से फ़िल्टर नहीं हो पाता। इस वजह से वेस्ट मटेरियल और एक्स्ट्रा लिक्विड बॉडी में ही जमा हो जाते हैं जो आगे चलकर किडनी फेलियर, CKD, हार्ट डीसीज़, हाई बी पी आदि बड़ी बीमारियों का कारण बन सकता है। आयुर्वेद का मानना है कि किडनी रोग में जितना ज़रूरी उपचार है उतना ही ज़रूरी है परहेज़ रखना इसलिए, समय रहते किडनी रोग में परहेज और उपचार के बारे में समझना चाहिए। लेकिन, पहले इस बीमारी के कारण और लक्षण जान लेना बेहतर होगा।

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किडनी रोग के लक्षण – Kidney rog ke lakshan

  • थकान और कमज़ोरी
  • बॉडी में सूजन
  • पेशाब में बदलाव
  • खुजली होना/स्किन ड्राय होना
  • पेट दर्द
  • हाई बी पी
  • जी मचलना और उल्टी
  • भूख कम लगना/वजन घटना

किडनी रोग के कारण – Kidney rog ke karan

  • डायबिटीज़/शुगर
  • हाई बी पी
  • ज़्यादा पैनकीलर खाना (जैसे NSAIDs)
  • मोटापा
  • गलत डाइट
  • पानी कि कमी/डिहाइड्रेशन
  • सिगरेट-तम्बाकू
  • जेनेटिक कारण
  • किडनी इन्फेक्शन

किडनी रोग में परहेज – Kidney rog mein parhez

आम तौर पर किडनी की बीमारी में ईन चीजों का परहेज़ करना चाहिए –

  • नमक/सोडियम कम लें: किडनी पेशेन्ट सिर्फ़ सेंधा नमक का ही इस्तेमाल करें वो भी लिमिट में और डॉक्टर से पूछकर। ज़्यादा नमक से बी पी बढ़ता है और किडनी को नुकसान होता है। इसलिए, डिब्बाबंद और प्रोसेस्ड फूड जैसे अचार, पापड़, नमकीन, चिप्स, सॉस आदि न खाएं।
  • प्रोटीन लिमिट में लें: ज़्यादा प्रोटीन किडनी पर प्रेशर डालता है। इसलिए मांस, अंडा, दालें, पनीर, दूध जैसी हाई प्रोटीन डाइट न लें। कम प्रोटीन वाली डाइट ले सकते हैं वो भी डॉक्टर से पूछकर।
  • पोटेशियम कंट्रोल करें: यह भी किडनी पर एक्स्ट्रा लोड़ डालता है और हार्ट बीट बिगाड़ सकता है। इसलिए, केला, संतरा, नारियल पानी, टमाटर, आलू, पालक और सूखे मेवे आदि का परहेज़ करें।
  • फॉस्फोरस कम लें: ज़्यादा फॉस्फोरस हड्डियां कमजोर करता है और खुजली बढ़ सकती है। इसलिए, दूध, चीज़, दही, चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक्स, बीज और नट्स जैसे बादाम, अखरोट आदि का परहेज़ करें।
  • पानी और तरल पदार्थ को लिमिटेड लें: किडनी फेल होने पर शरीर से पानी ठीक से नहीं निकल पाता जिससे सूजन, हाई बीपी और फेफड़ों में पानी भर सकता है। लेकिन, पानी की कमी होना भी ठीक नहीं है। इसलिए, पानी की मात्रा के बारे में डॉक्टर से पूछ लें और सूप, दूध, चाय, दही, रस आदि पर कंट्रोल करें।
  • ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर कंट्रोल करें: वैसी चीजों से दूर रहे हैं जो बी पी या शुगर लेवल बढ़ा सकती है जैसे मिठाई, कोल्ड ड्रिंक्स, फ्रूट जूस, समोसे, कचौड़ी, पकौड़ी, केला, आम, अंगूर, चीकू, खजूर, रेड मीट, शराब और ज़्यादा कैफीन जैसे कॉफ़ी आदि।

किडनी रोग में उपचार – Kidney rog mein upchaar

किडनी की बीमारी का उपचार करने में आयुर्वेद एक बेहतर चुनाव हो सकता है क्योंकि आम तौर पर इसके साइड इफेक्ट नहीं होते, साथ ही जड़ से इलाज होता है, वो भी बिना डायलिसिस या ट्रांसप्लांट के। किडनी की बीमारी में काम आने वाली असरदार आयुर्वेदिक दवाएँ नीचे दिए गए हैं।

  • वरुण (Varun): यह मूत्र नली की सफाई करती है और पथरी की समस्या में भी फायदेमंद है।
  • गोखरू (Gokshura): इससे पेशाब की जलन, सूजन और इन्फेक्शन में फायदा हो सकता है।
  • पुनर्नवा (Punarnava): यह शरीर से एक्स्ट्रा पानी और ज़हरीले तत्व बाहर निकालती है।
  • कुल्थी दाल (Kulthi Dal): यह किडनी स्टोन में फायदेमंद होती है।
  • गिलोय (Guduchi): इससे इम्यूनिटी बढ़ती है और इन्फेक्शन से बचा जा सकता है।
  • चंद्रप्रभा वटी: यह पेशाब से जुड़ी दिक्कतें दूर कर सकती है।
  • पुनर्नवादि मंडूर: इससे किडनी की काम करने की क्षमता बढ़ती है।
  • त्रिफला: यह आँतों को साफ करके, शरीर से टॉक्सिन निकालती है।

किडनी रोग में पंचकर्म थेरेपी से उपचार – Kidney rog mein panchkarm therapy se upchaar

आयुर्वेद में किड़नी के काम को सुधारने के लिए ईन पंचकर्म थेरेपी का उपयोग किया जाता है –

  • बस्ती (आयुर्वेदिक एनीमा): वात दोष बैलन्स करने के लिए।
  • वमन: शरीर से कफ दोष निकालने के लिए।
  • विरेचन: पित्त दोष बैलन्स करके पेट साफ करने के लिए।
  • स्वेदन: पसीना निकालने की प्रोसेस जिससे टॉक्सिन बाहर निकलें।
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किडनी रोग से जुड़ी जरूरी जानकारियाँ

किडनी रोग में क्या खाना चाहिए – Kidney rog mein kya khana chahiye?

हल्का, कम नमक और कम प्रोटीन वाला आहार लेना चाहिए। जैसे फल में सेब, पपीता, नाशपाती और सब्जियों में लौकी, परवल, तुरई आदि। पानी की मात्रा डॉक्टर की सलाह से ही लें। अधिक पोटेशियम, फॉस्फोरस या सोडियम वाली चीज़ें न खाएं।

किडनी की बीमारी में कितना पानी पीना चाहिए – Kidney ki bimari mein kitna paani pina chahiye?

अगर पेशाब ठीक से हो रहा है तो 1.5 से 2 लीटर तक पानी लिया जा सकता है। लेकिन अगर कोई दिक्कत हो तो डॉक्टर से पूछकर ही पानी की मात्रा तय करनी चाहिए।

क्या किडनी स्टोन और किडनी फेलियर एक ही चीज है – Kya kidney stone aur kidney failure ek hi cheez hai?

नहीं, किडनी स्टोन में पथरी मूत्र मार्ग में रुकावट डालती है जिससे दर्द, जलन या इंफेक्शन होता है, लेकिन इलाज संभव होता है। वहीं किडनी फेलियर में किडनी खून को फिल्टर करना बंद कर देती है और अक्सर डायलिसिस या ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ जाती है।

क्या किडनी रोगी दाल खा सकते हैं – Kya kidney rogi daal kha sakte hain?

दालों में प्रोटीन और पोटेशियम होता है, इसलिए किडनी रोगी को इनका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। मूंग दाल को उबालकर उसका पानी पीना एक सेफ़ ऑप्शन है।

आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको किडनी रोग में परहेज और उपचार के बारे में बताया। लेकिन, आप सिर्फ़ इस जानकारी या सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को किडनी की कोई समस्या है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।

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