हमारी किडनियाँ रात-दिन खून साफ करती हैं, वेस्ट मटेरियल बाहर निकालती हैं और ज़रूरी तत्त्वों को प्रोसेस करती हैं। ये सारे पदार्थ खानपान से बॉडी में जाते हैं। ऐसे में अगर खानपान गलत होगा तो किडनी पर एक्स्ट्रा प्रेशर पड़ता है जिससे क्रिएटिनिन बढ़ सकता है, सूजन हो सकती है, BP हाई हो सकती है और लंबे समय में किडनी डैमेज भी हो सकती है। इसलिए, ये जानना बहुत ज़रूरी है कि कौन-से फूड्स किडनी पर सबसे ज़्यादा प्रेशर डालते हैं, ताकि ऐसे फूड्स से बचकर किडनी को भारी बीमारियों से बचाया जा सके। लेकिन, पहले ये भी जान लेना चाहिए कि किन लक्षणों से किडनी पर ज़्यादा प्रेशर पड़ने का पता लगाया जा सकता है।
ज़्यादा नमक ब्लड प्रेशर बढ़ाता है जो किडनी डैमेज की सबसे आम वजह है। सोडियम की वजह से किडनी में पानी जमने लगता है, जिससे उनकी मेहनत बहुत बढ़ जाती है। इसलिए, अचार, पापड़, चिप्स, नमकीन, फ्रोजन फूड, रेडी-टू-ईट सूप, नूडल्स, पैक्ड स्नैक्स, फैक्ट्री में बने बिस्कुट और कुकीज़ आदि से दूर रहना चाहिए।
किडनी को यूरिया और क्रिएटिनिन बाहर निकालने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है जो प्रोटीन के टूटने से बनता है। इसलिए, हाई प्रोटीन डाइट न लें। जैसे – मटन, बीफ, बहुत ज़्यादा चिकन, अंडे के सफेद हिस्से, प्रोटीन सप्लीमेंट या जिम प्रोटीन पाउडर।
इनमें सोडियम, केमिकल प्रिजर्वेटिव्स, कलर और ट्रांस-फैट होते हैं, जो किडनी पर डबल प्रेशर डालते हैं। इसलिए, बर्गर, पिज़्ज़ा, फ्रेंच फ्राइज, सैंडविच सॉस, मेयो, चिप्स-पफ्स, सॉसेज, हॉट डॉग, सलामी (प्रासेस्ड मीट) आदि का परहेज़ करें। इनमें मौजूद नाइट्रेट और फॉस्फेट प्रिजर्वेटिव्स किडनी को बहुत नुकसान पहुँचाते हैं।
शुगर ज़्यादा लेने से डायबिटीज़ होती है जो किडनी फेलियर का बड़ा कारण है। मिठाई, कोल्ड ड्रिंक, कैंडी, टॉफी, बेकरी प्रोडक्ट (केक, पेस्ट्री, डोनट), मीठा दही और चीनी आदि ब्लड शुगर बढ़ाकर किडनी की फिल्टरिंग केपेसिटी कम कर सकते हैं। इसलिए ईन चीज़ों का सेवन न करें।
कमज़ोर किडनी एक्स्ट्रा पोटैशियम बाहर नहीं निकाल पाती, जिससे हार्ट रिदम बिगड़ सकती है। ख़ासकर CKD मरीजों के लिए हाई पोटैशियम लेना बहुत खतरनाक हो सकता है। इसलिए, केला, संतरा, नारियल पानी, आलू, टमाटर, सूखे मेवे, एवोकाडो आदि से दूर रहें या डॉक्टर से पूछकर बहुत लिमिट में लें।
ज़्यादा फॉस्फोरस खून में जमा होने लगता है, जिसे निकालना किडनी के लिए बहुत मुश्किल हो जाता है। इससे हड्डियाँ कमज़ोर होती हैं। इसलिए, कोल्ड ड्रिंक, डार्क चॉकलेट, प्रोसेस्ड मीट, पनीर, चीज़ और बेक्ड बीन्स आदि से बचकर रहें।
ऑक्सलेट से किडनी स्टोन बन सकता है। इसलिए, हाई ऑक्सलेट फूड्स जैसे – पालक, चाय, कोको पाउडर, चुकंदर और सोया प्रोडक्टस् का परहेज़ करें या लिमिट में लें।
इनसें किडनी डिहाइड्रेट होती है, ब्लड प्रेशर बढ़ता है और फिल्टरिंग केपेसिटी कम होती है। बीयर में प्यूरिन ज़्यादा होता है, जिससे यूरिक एसिड बढ़ता है और किडनी पर लोड़ पड़ता है।
ये इंसुलिन बढ़ाती हैं, मोटापा बढ़ाती हैं, ब्लड प्रेशर पर असर डालती हैं जिससे आगे चलकर किडनी पर प्रेशर पड़ता है।
हाँ, पालक, चाय, कोको, सोया जैसे फूड ऑक्सलेट बढ़ाकर किडनी स्टोन का खतरा बढ़ाते हैं।
मोटापा से बी पी हाई होती है, डायबिटीज़ और सूजन बढ़ती है, जिससे किडनी पर लगातार प्रेशर पड़ता है।
कम नमक, कम शुगर, संतुलित प्रोटीन, ताज़े फल-सब्ज़ियाँ, होल ग्रेन और सही मात्रा में पानी – ये किडनी को सुरक्षित रखने वाली डाइट है।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको बताया कि कौन-से फूड्स किडनी पर सबसे ज़्यादा प्रेशर डालते हैं? लेकिन, आप सिर्फ़ इस जानकारी या सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आप या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को किडनी से जुड़ी कोई भी समस्या है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदा डॉक्टर से किडनी का आयुर्वेदिक उपचार लें। यहाँ आपको उपचार के साथ-साथ रोगी विशेष डाइट चार्ट और कंसल्टेंसी भी मिलेगी। हेल्थ से जुड़े ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।
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