दर्द, सूजन, अकड़न और चलने में दिक्कत – ये सब घुटनों की आम दिक्कतें हैं। वैसे तो ये ज़्यादा उम्र के लोगों को होती हैं लेकिन, आजकल ये दिक्कतें युवाओं में भी देखी जा रही हैं। किसी भी तरह की जटिलता से बचने के लिए बेहतर यही है कि समस्या की शुरुआत से ही देसी उपचार अपना लिया जाये। इसलिए, सबको ये जानना चाहिए कि घुटनों की देसी दवा कौन सी है। लेकिन, पहले ये भी जानना ज़रूरी है कि किन कारणों से ये दिक्कतें होती हैं।
इन प्राकृतिक और आयुर्वेदिक दवाओं से घुटनों की समस्या का देसी उपचार किया जा सकता है –
घुटनों की दिक्कत के कारण और देसी उपचार के अलावा इस रोग के बारे में दूसरी ज़रूरी जानकारियाँ नीचे शेयर की गयी हैं जो बहुत काम आ सकती हैं।
अश्वगंधा, शल्लाकी, गुग्गुल और हल्दी दूध – ये घुटनों के दर्द की सबसे अच्छी देसी दवा मानी जाती हैं।
हां, हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एंटी-इंफ्लेमेटरी होता है, जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करता है। इसे दूध में मिलाकर लेने से फायदा होता है।
सरसों का तेल या नारियल तेल में लहसुन मिलाकर तेल मालिश करना सबसे अच्छा होता है। इसके अलावा आयुर्वेदिक नीलगिरी तेल भी बहुत फायदेमंद है।
मेथी के बीज का सेवन, गरम तेल की मालिश और हल्के योगासन जैसे वज्रासन, अर्ध-चक्रासन जकड़न को दूर करने में मदद करते हैं।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको बताया कि घुटनों की देसी दवा कौन सी है। लेकिन आप सिर्फ़ इस जानकारी या सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को घुटने की दिक्कत है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।
अश्वगंधा, शल्लाकी, गुग्गुल और हल्दी दूध – ये सबसे अच्छी देसी दवा मानी जाती हैं।
हां, हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एंटी-इंफ्लेमेटरी होता है, जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करता है।
सरसों का तेल या नारियल तेल में लहसुन मिलाकर तेल मालिश करना सबसे अच्छा होता है। आयुर्वेदिक नीलगिरी तेल भी फायदेमंद है।
मेथी के बीज का सेवन, गरम तेल की मालिश और हल्के योगासन जकड़न को दूर करने में मदद करते हैं।
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