जोड़ों का दर्द (Joint Pain) आजकल एक आम समस्या बन चुकी है। आयुर्वेदिक दवाएं और घरेलू उपचार इन समस्याओं को जड़ से ठीक करने में मदद कर सकते हैं, वो भी बिना किसी साइड इफेक्ट के। इसलिए, जोड़ों के दर्द की आयुर्वेदिक दवा रोगी के बहुत काम आ सकती है। लेकिन पहले इस समस्या का कारण जान लेना चाहिए।
आयुर्वेद के अनुसार, जोड़ों में दर्द का ख़ास कारण शरीर में वात दोष का असंतुलन होता है। वात दोष असंतुलित होने से जोड़ों में सूजन, अकड़न और दर्द होता है। इसके अलावा खान-पान की गलत आदतें, पाचन शक्ति की कमजोरी और बढ़ता हुआ टॉक्सिन भी इस समस्या को बढ़ाते हैं।
ईन दवाओं से जोड़ों के दर्द का आयुर्वेदिक इलाज किया जा सकता है -
यह आयुर्वेदिक गोली वात और संधिवात से राहत दिलाने में मदद करती है। इसे रेगुलर लेने से सूजन और दर्द कम होता है।
यह एक ख़ास आयुर्वेदिक काढ़ा है जो नसों, मांसपेशियों और जोड़ों की कमजोरी को दूर करता है। यह वात दोष को बैलेंस करता है।
अश्वगंधा शरीर की इम्युनिटी बूस्ट करता है और जोड़ों के दर्द, सूजन व अकड़न में फायदेमंद होता है।
यह एक नेचुरल सूजन-नाशक दवा है जो खासकर ऑस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटाइड आर्थराइटिस में लाभकारी होती है।
यह वात दोष को बैलेंस करता है और पुराने जोड़ों के दर्द में बहुत उपयोगी माना जाता है।
दवा के अलावा जोड़ों के दर्द का उपचार कुछ दुसरे असरदार तरीकों से भी किया जा सकता है जो नीचे दिए गए हैं।
यह तेल वातनाशक है और जोड़ों के दर्द में बहुत असरदार है। इससे मालिश करने से सूजन कम होती है और ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है।
यह तेल गठिया और मांसपेशियों के दर्द में राहत देता है। यह शरीर की कमज़ोरी को दूर करता है।
रात को सोने से पहले एक गिलास गुनगुने दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से सूजन और दर्द कम होता है।
मेथी के दानों को भूनकर पीस लें और रोज सुबह खाली पेट एक चम्मच गुनगुने पानी के साथ लें।
लहसुन को तिल के तेल में पकाकर उस तेल से जोड़ों पर मालिश करें। इससे गर्माहट मिलती है और दर्द में राहत मिलती है। यह घुटनों के दर्द का घरेलु इलाज है।
अजवाइन को पानी में पीसकर दर्द वाले हिस्से पर लगाएं। यह नेचुरल पेन किलर का काम करता है।
ईन टिप्स को फॉलो करने से जोड़ों के दर्द से राहत मिल सकती है -
जोड़ों के दर्द का कारण और इलाज के अलावा कुछ दुसरे ज़रूरी सवाल और जानकारियाँ नीचे दी गयी हैं।
हां, आयुर्वेद वात दोष को बैलेंस करके, जड़ी-बूटियों और जीवनशैली में बदलाव से जोड़ों के दर्द का स्थायी इलाज कर सकता है।
हल्दी और अदरक का काढ़ा, गुग्गुल का काढ़ा, धनिये का काढ़ा, अजवाइन का काढ़ा, शतावरी का काढ़ा - ये सब अच्छे ऑप्शन हैं।
अगर समस्या शुरुआती लेवल पर है, तो घरेलू आयुर्वेदिक उपाय असरदार हो सकते हैं। लेकिन पुराना दर्द हो तो डॉक्टर की सलाह लेकर ही दवाइयों का सेवन करना उचित होगा।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको जोड़ों के दर्द की आयुर्वेदिक दवा के बारे में बताया। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को जोड़ों के दर्द की समस्या है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।
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