लीवर (Liver) खून की सफाई, पाचन में सहायता, और ज़हरीले तत्त्वों को बाहर निकालने जैसे सैकड़ों कार्य करता है। जब लीवर कमजोर होने लगता है, तो फैटी लीवर, लिवर सिरोसिस और लिवर फेलियर जैसी बीमारियां हो सकती हैं। गंभीर बात ये है कि शुरुआत में इसके लक्षण इतने हल्के होते हैं कि हम उन्हें अवॉयड कर देते हैं। इसलिए, लीवर कमजोर होने के लक्षण जानना बहुत ज़रूरी है ताकि समय रहते इलाज किया जा सके। लेकिन इसके पहले लीवर कमज़ोर होने के कारण जान लेते हैं
लीवर के कमजोर होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें ख़ास हैं -
अब जानते हैं उन लक्षणों के बारे में जिनसे पता चलता है कि आपका लीवर कमजोर हो सकता है। इनमें ख़ास हैं -
अगर बिना मेहनत के भी आप अक्सर थका हुआ महसूस करते हैं, तो यह लीवर के कमजोर होने का संकेत हो सकता है। जब लीवर ज़हरीले तत्त्वों को अच्छे से नहीं निकाल पाता, तो शरीर सुस्त और थका हुआ महसूस करता है।
लीवर की कार्यक्षमता घटने पर पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में सूजन या दर्द हो सकता है। कभी-कभी यह सूजन Ascites (पेट में पानी भरना) के रूप में भी सामने आती है।
जब लीवर कमजोर होता है तो पाचन क्रिया धीमी हो जाती है, जिससे भूख लगना कम हो जाती है। लंबे समय तक भूख न लगना लीवर से जुड़ी बीमारी का शुरुआती संकेत हो सकता है।
यह लक्षण सबसे क्लियर होता है। जब लीवर बिलिरुबिन को ठीक से प्रोसेस नहीं कर पाता, तो वह खून में जमा हो जाता है और आंखें और त्वचा पीली दिखने लगती हैं।
यदि आपका पेशाब सामान्य से गहरा पीला या भूरा हो गया है और आप पर्याप्त पानी पी रहे हैं, तो यह लीवर की गड़बड़ी का संकेत हो सकता है।
लीवर की समस्या में मल का रंग फीका, सफेद या मिट्टी जैसा हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लीवर पित्त (Bile) ठीक से नहीं बन पाता।
लीवर की खराबी से त्वचा में अत्यधिक खुजली होती है क्योंकि ज़हरीले तत्त्व खून में रह जाते हैं और त्वचा को प्रभावित करते हैं।
अगर बिना प्रयास के आपका वजन अचानक घट रहा है, तो यह चिंता का विषय हो सकता है। यह लीवर के कमजोर होने और भूख की कमी से संबंधित हो सकता है।
लीवर की बीमारी में अक्सर मिचली आना, उल्टी होना या पेट खराब रहना जैसी समस्याएं रहती हैं।
यह लक्षण लीवर रोग जैसे हेपेटिक एन्सेफेलोपैथी (Hepatic Encephalopathy) में होता है, जिसमें व्यक्ति को भ्रम, चक्कर और याददाश्त की कमी होने लगती है।
लीवर कमजोर होने के कारण और लक्षण के अलावा और भी कुछ ज़रूरी सवाल और जानकारियाँ नीचे दी गयी हैं जो रोगी को बहुत फायदा पहुंचा सकती हैं।
लीवर की स्थिति जानने के लिए ये जांचें की जाती हैं - Liver Function Test (LFT), Ultrasound Abdomen, CT Scan और MRI। लीवर की कठोरता जांचने के लिए FibroScan, हेपेटाइटिस के लिए HBsAg और Anti-HCV टेस्ट किये जाते हैं।
पानी ज्यादा पिएं, हल्दी का प्रयोग करें, प्रोसेस्ड फूड से बचें, ग्रीन टी और आंवला लें और रेगुलर चेकअप कराएं।
त्रिफला, भृंगराज, भुवनरंगी (कालमेघ), और भूँई आंवला जैसी आयुर्वेदिक दवाइयाँ लीवर के लिए लाभकारी मानी जाती हैं। लेकिन इन्हें डॉक्टर की सलाह से ही लें।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको लीवर कमज़ोर होने के लक्षण के बारे में बताया। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को कमज़ोर लीवर की समस्या है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।
Second Floor, 77, Block C, Tarun Enclave, Pitampura, New Delhi, Delhi, 110034