क्या पार्किंसन रिवर्स हो सकता है

पार्किंसन रोग (Parkinson's Disease) एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जो धीरे-धीरे दिमाग के उस हिस्से पर असर डालता है जो शरीर की एक्टिविटी को कंट्रोल करता है। इसलिए ये सवाल अक्सर पूछा जाता है कि क्या पार्किंसन रिवर्स हो सकता है? - जिसके बारे में डिटेल में पूरी जानकारी नीचे दी गयी है।

पार्किंसन रोग क्या है - Parkinson Rog kya hai?

पार्किंसन एक प्रोग्रेसिव न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसका मतलब है कि यह समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ती है। इसमें दिमाग में मौजूद डोपामिन नामक केमिकल का लेवल कम हो जाता है। डोपामिन नर्व सेल्स के बीच मेसेज पहुंचाने में मदद करता है और शरीर की एक्टिविटी को कंट्रोल करता है।

डोपामिन की कमी के कारण शरीर की एक्टिविटी बिगड़ जाती है, जैसे – हाथ कांपना (tremors), चाल में बदलाव, बोलने में कठिनाई और बैलेंस की समस्या।

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क्या पार्किंसन रिवर्स हो सकता है? - Kya Parkinson Riverse ho sakta hai?

आज की मॉडर्न साइंस के अनुसार, पार्किंसन को पूरी तरह रिवर्स नहीं किया जा सकता है। हालांकि, इसकी प्रगति को धीमा किया जा सकता है, और लक्षणों को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है, जिससे व्यक्ति लंबे समय तक एक सामान्य जीवन जी सकता है।

पार्किंसन का इलाज; लक्षणों में सुधार - Parkinson ka ilaj; Lakshano mein Sudhar

विज्ञान और चिकित्सा में हो रहे नए शोध, दवाइयाँ, थेरेपी, डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव पार्किंसन के लक्षणों को काफी हद तक सुधार सकते हैं। ईन लक्षणों की जानकारी नीचे दी गयी है ताकि इन्हें सुधारने में मदद मिल सके।

पार्किंसन के लक्षण - Parkinson ke Lakshan

  • हाथ-पैरों में कंपन (Tremors)
  • धीमी गति से चलना (Bradykinesia)
  • मांसपेशियों में अकड़न (Muscle rigidity)
  • बैलेंस की समस्या और चलने में कठिनाई
  • चेहरे का भावहीन होना (Masked face)
  • बोलने में धीमापन या रुकावट
  • हाथों की लिखावट छोटी हो जाना (Micrographia)
  • मूड स्विंग, डिप्रेशन और नींद में परेशानी

पार्किंसन का इलाज; लक्षणों में सुधार के तरीके - Parkinson ka Ilaj; Lakshano mein sudhar ke tarike

1. दवाइयों द्वारा इलाज

ईन दवाओं से लक्षणों में काफी हद तक सुधार होता है, लेकिन ये रोग को जड़ से खत्म नहीं कर सकतीं –

  • Levodopa + Carbidopa: सबसे ख़ास दवा जो दिमाग में डोपामिन की मात्रा बढ़ाने में मदद करती है।
  • Dopamine agonists: जो डोपामिन की तरह कार्य करते हैं।
  • MAO-B Inhibitors: डोपामिन को टूटने से रोकते हैं।

याद रखें - ईन दवाओं को डॉक्टर की सलाह के साथ ही लें।

2. गहरी दिमाग उत्तेजना (Deep Brain Stimulation)

यह एक सर्जिकल प्रोसेस है जिसमें दिमाग में एक डिवाइस लगाया जाता है जो इलेक्ट्रिकल सिग्नल के जरिए लक्षणों को कंट्रोल करता है। यह उन मरीजों में उपयोगी होता है जिनमें दवाएं असर करना बंद कर देती हैं।

3. फिजियोथेरेपी और व्यायाम

रोज़ एक्सरसाइज, जैसे – योग, वॉकिंग, स्ट्रेचिंग और डांस करना चाहिए। इससे मांसपेशियों में लचीलापन आता है, बैलेंस सुधरता है और मूड बेहतर होता है।

4. आहार और पोषण (Diet and Nutrition)

पार्किन्सन में डाइट ऐसी होनी चाहिए;

  • एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर चीज़ें, जैसे – फल, सब्जियां, नट्स और बीज खाएं।
  • ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले प्रोडक्ट्स खाएं क्योंकि यह दिमाग की कोशिकाओं के लिए फायदेमंद होते हैं।
  • कम प्रोटीन वाली डाइट लें ताकि Levodopa दवा का असर ठीक से हो सके।

5. मेंटल हेल्थ का ध्यान

काउंसलिंग और ध्यान करें। परिवार का सहयोग होना बहुत ज़रूरी है। साथ ही डिप्रेशन और स्ट्रेस कंट्रोल करें।

6. पार्किन्सन का आयुर्वेदिक इलाज

कुछ ख़ास आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ जैसे अश्वगंधा, ब्राह्मी और कपिकच्छु (Mucuna pruriens) पार्किंसन के लक्षणों में सुधर ला सकती हैं। लेकिन ध्यान रहे, आयुर्वेदिक दवाएं केवल किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से ही लें।

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पार्किंसन के इलाज के अलावा इस बीमारी से जुड़े कुछ ज़रूरी सवाल और जानकारियाँ नीचे दी गयीं हैं जो रोगी को फायदा पहुंचा सकती हैं।

क्या पार्किंसन की दवाएं जीवनभर लेनी पड़ती हैं - Kya Parkinson ki Dawaayein jivanbhar leni padti hain?

हां, यह एक लम्बे टाइम तक चलने वाली बीमारी है, इसलिए दवाएं लंबे समय तक लेनी पड़ सकती हैं। लेकिन डॉक्टर समय-समय पर दवाओं की मात्रा और प्रकार में बदलाव करते रहते हैं।

क्या पार्किंसन से जीवन की अवधि पर असर पड़ता है - Kya Parkinson se jivan ki Awadhi par asar padta hai?

अगर सही समय पर इलाज और देखभाल मिले तो पार्किंसन रोगी सामान्य से थोड़े कम जीवनकाल के साथ अच्छी क्वालिटी वाला जीवन जी सकते हैं।

क्या पार्किंसन बीमारी जानलेवा होती है - Kya Parkinson bimari jaanleva hoti hai?

पार्किंसन रोग सीधे जानलेवा नहीं है, लेकिन इससे जुड़ी जटिलताएं लोगों की जीवन अवधि को कम कर सकती हैं।

आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको बताया कि क्या पार्किंसन रिवर्स हो सकता है। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को पार्किंसन की समस्या है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।

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