दोनों पैरों में सूजन की समस्या क्या है – Dono paeron mein soojan ki samasya kya hai?
जब शरीर में एक्स्ट्रा लिक्विड यानी तरल पदार्थ जमा हो जाता है तो पैरों में सूजन की समस्या होती है। इसे एडिमा भी कहा जाता है। लेकिन यह कोई आम समस्या नहीं, यह दिल की बीमारियाँ, किडनी रोग, लिवर रोग, डीप वेन थ्रोम्बोसिस (खून के थक्के) और लिम्फेडेमा जैसी बड़ी बिमारियों का लक्षण भी हो सकता है। आयुर्वेद में किसी भी बीमारी का इलाज करने के लिए उसकी जड़ तक पहुंचना ज़रूरी है, इसलिए, दोनों पैरों में सूजन के कारण जान लेना चाहिए। लेकिन, पहले लक्षण समझकर इसकी पहचान करनी ज़्यादा ज़रूरी है।
दोनों पैरों में सूजन के लक्षण – Dono paeron mein soojan ke lakshan
आम तौर पर इस बीमारी में ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं –
- भारीपन और जकड़न
- चमकीली स्किन
- स्किन में खिचाव
- दबाने पर गड्डा बन जाना
- खड़े होने या चलने में दर्द या दिक्कत
- लालिमा या गर्मी
- सुन्नपन या झुनझुनी महसूस होना
दोनों पैरों में सूजन के कारण – Dono paeron mein soojan ke karan
यह समस्या किसी बड़ी बीमारी का संकेत भी हो सकती है और इसके पीछे कुछ आम कारण भी हो सकते हैं जिनकी जानकारी नीचे दी गयी है –
- किडनी से जुड़ी दिक्कतें: जब किडनी बॉडी से एक्स्ट्रा पानी और नमक बाहर नहीं निकाल पाती, तो पैरों, टखनों और चेहरे पर सूजन हो सकती है। इसके अलावा नेफ्रोटिक सिंड्रोम रोग में जब पेशाब के साथ ज़्यादा प्रोटीन निकलता है तो शरीर में पानी रुकने लगता है जिससे सूजन हो सकती है।
- दिल की बीमारी: हार्ट फेल होने पर जब दिल खून को ठीक से पंप नहीं कर पाता, तो पैरों में पानी भरने लगता है। साथ ही हाई ब्लड प्रेशर या हार्ट वॉल्व की समस्या भी इसका कारण बन सकती है।
- लिवर सिरोसिस या लिवर डैमेज: लिवर की कमजोरी से एल्ब्यूमिन नाम के एक ज़रूरी प्रोटीन की कमी हो जाती है, जिससे पैरों और पेट (Ascites) में सूजन हो जाती है।
- नसों और ब्लड सर्कुलेशन की समस्या: डीप वेन थ्रोम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis) में पैरों की नसों में खून का थक्का जमने से सूजन आ जाती है और वैरिकोज वेन्स की समस्या में नसों में कमजोरी या खून का फ्लो सही न होने से भी पैरों में सूजन रहती है।
- थायरॉइड और हार्मोनल असंतुलन: हाइपोथायरॉइडिज़्म में थायरॉइड की कमी से शरीर में म्यूकस जैसा द्रव्य जमा होने लगता है, जिससे पैरों में सूजन होती है। इसके अलावा प्रेगनेंसी में हार्मोनल बदलाव और ब्लड फ्लो बढ़ने के कारण पैरों में सूजन सामान्य है।
- दवाओं के साइड इफेक्ट: ब्लड प्रेशर की कुछ दवाएं जैसे कैल्शियम चैनल ब्लॉकर, स्टेरॉयड और हार्मोनल दवाएं जैसे गर्भनिरोधक गोलियां भी इसकी वजह बन सकती हैं।
- अन्य कारण: ज़्यादा देर तक खड़े रहना या बैठना, शरीर में प्रोटीन की कमी (Malnutrition), ज़्यादा नमक का सेवन और चोट या इन्फेक्शन से भी सूजन हो सकती है।
दोनों पैरों में सूजन के लक्षण और कारण जानने के अलावा भी इस रोग के बारे कुछ ज़रूरी जानकारियाँ नीचे शेयर की गयी हैं जो रोगी को बहुत मदद पहुंचा सकती हैं।
पैरों में सूजन कब खतरनाक हो सकती है – Paeron mein soojan kab khatarnaak ho sakti hai?
जब सूजन के साथ सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, पेशाब कम आना, पैरों में लालिमा/गर्माहट या अचानक बहुत ज़्यादा सूजन हो तो यह खतरनाक स्थिति है और तुरंत जांच जरूरी है।
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FAQs – पैरों में सूजन से जुड़े सवाल
पैरों की सूजन कम करने के घरेलू उपाय क्या हैं?
नमक कम खाएं, पैरों को ऊँचाई पर रखकर आराम करें, ज्यादा देर तक खड़े या बैठे न रहें, हल्की मालिश करें, गुनगुने पानी में सेंधा नमक डालकर पैर डुबोएं और शरीर में पानी का बैलेंस बनाकर रखें।
किन दवाओं से पैरों में सूजन आ सकती है?
ब्लड प्रेशर की कुछ दवाएं जैसे कैल्शियम चैनल ब्लॉकर, स्टेरॉयड, हार्मोनल गोलियां और कुछ डाइबिटीज की दवाओं से पैरों में सूजन हो सकती है।
किडनी खराब होने पर पैरों में सूजन क्यों आती है?
जब किडनी एक्स्ट्रा पानी और नमक बाहर नहीं निकाल पाती, तो वह शरीर में रुक जाता है। इसका असर पैरों, टखनों और आंखों के नीचे सूजन के रूप में दिखता है।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको दोनों पैरों में सूजन के कारण बताया। लेकिन, आप सिर्फ़ इस जानकारी या सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को दोनों पैरों में सूजन की समस्या है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।