पेट की गर्मी के लिए आयुर्वेदिक दवा

पेट की गर्मी के लिए आयुर्वेदिक दवा – Pet Ki Garmi Ke Liye Ayurvedic Dawa

पेट की गर्मी: पेट में एसिड की समस्या – Pet ki garmi: Pet mein acid ki samasya

पेट की गर्मी को आयुर्वेद में अम्लपित्त कहा गया है। यह तब होती है जब पित्त दोष ज़्यादा एक्टिव हो जाता है। पित्त शरीर में डाईजेशन (अग्नि) को कंट्रोल करता है। जब इसका बैलेंस बिगड़ जाता है, तो पेट में ज़्यादा एसिड बन जाता है, जिससे पेट जलन, एसिडिटी आदि महसूस होता है। आमतौर पर अंग्रेजी दवाओं के साइड इफेक्ट्स होते हैं इसलिए पेट की गर्मी के लिए आयुर्वेदिक दवा इस समस्या का उपचार करने का बहुत ही सही रास्ता है। लेकिन पहले पेट की गर्मी के कारण जान लेने चाहिए जो इस प्रकार हैं–

पेट की गर्मी के कारण – Pet ki garmi ke karan

  • भारी, तला हुआ और ज़्यादा मसाले वाला खाना
  • ज़्यादा तीखा, अम्लीय भोजन
  • खराब खान-पान
  • स्ट्रेस, नींद की कमी, खराब लाइफस्टाइल
  • ज़्यादा कैफीन, चाय–कॉफ़ी, शराब
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पेट की गर्मी के लिए आयुर्वेदिक दवा – Pet ki garmi ke liye ayurvedic dawa

आयुर्वेद में पेट की गर्मी का उपचार करने के लिए ईन आयुर्वेदिक दवाओं और तरीकों का उपयोग किया जाता है –

  • त्रिफला (Triphala): डाईजेशन सुधारता है, ज़हरीले तत्त्व बाहर निकालता है, और एसिडिटी से राहत देता है।
  • आंवला (Amla): ठंडा और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर, अम्लता को बैलेंस करता है।
  • पिप्पली (Long Pepper): शहद या गर्म पानी के साथ लेने पर गर्मी कंट्रोल करता है।
  • जल उपचार: खाली पेट गरम पानी अम्लता को नियंत्रित करता है।
  • सौंफ: गैस और अम्लता से राहत देता है।
  • जीरा: पाचन एंजाइम्स को उत्तेजित करता है, एसिडिटी में लाभकारी।
  • मुलेठी: पेट की परत पर कोटिंग बनाकर एसिड को शांत करता है।
  • तुलसी, पुदीना, इलायची, लौंग: पाचन सुधारने वाले और अम्लता कम करने वाले तत्व।
  • शीतल आहार: ठंडा दूध, केला, नारियल पानी जैसे आहार।
  • गिलोय (Guduchi): पित्त को शांत करता है, पाचन सुधरता है, इम्यूनिटी बढ़ाता है।
  • अविपत्तिकर चूर्ण: 14 जड़ी-बूटियों का मिश्रण, गैस, अम्लपित्त, कब्ज में उपयोगी।

पेट की गर्मी की समस्या में क्या खाएं – Pet ki garmi ki samasya mein kya khayein?

खीरा, नारियल पानी, पुदीना, दही/छाछ, हल्का भोजन, उबले अनाज, कम मसाले वाले आहार लें। रोज़ तय समय पर भोजन करें। तली, तीखी, अम्लीय, प्रोसेस्ड चीज़ें और सोडा, चाय-कॉफी से परहेज करें।

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FAQs

क्या इस बीमारी में अलग‑अलग जड़ी‑बूटियों को आज़मा सकते हैं, या मिश्रित आयुर्वेदिक दवा ही बेहतर है?

घरेलू उपयोग के लिए जीरा, फेनल, आंवला, मुलेठी, त्रिफला आदि का अलग-अलग इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन अगर लक्षण स्थाई हो या सीरियस लगें, तो अविपत्तिकर चूर्ण जैसी मिश्रित दवाई असरदार हो सकती है।

पेट में जलन और गर्मी से तुरंत राहत कैसे पाएं?

पेट में जलन और गर्मी से तुरंत राहत पाने के लिए, आप ठंडा दूध या नारियल पानी पी सकते हैं, या फिर खीरा, तरबूज, या दही जैसी ठंडी चीज़ों का सेवन कर सकते हैं।

पेट की गर्मी के लिए सबसे असरदार आयुर्वेदिक इलाज क्या है?

सबसे असरदार इलाज में सौंफ, जीरा, धनिया और पुदीना का सेवन शामिल है। साथ ही ठंडा दूध, खीरा, तरबूज, दही, और केला भी मददगार हैं।

क्या त्रिफला पेट की गर्मी में फायदेमंद है?

हाँ, खासकर अगर यह गर्मी पाचन से जुड़ी समस्याओं जैसे कब्ज या एसिडिटी के कारण हो।

आज के इस ब्लॉग में हमने आपको पेट की गर्मी के लिए आयुर्वेदिक दवा के बारे में बताया। लेकिन आप सिर्फ इन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर समस्या गंभीर है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में विशेषज्ञ से परामर्श लें।

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