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बवासीर (Piles), जिसे आम भाषा में 'अर्श' या 'पाइल्स' कहा जाता है, एक बहुत ही तकलीफ देने वाला रोग है। इसमें कुल्हे या मलाशय (Rectum) के आसपास की नसों में सूजन आ जाती है, जिससे मस्से जैसे उभार बन जाते हैं। ये मस्से कभी अंदर की ओर रहते हैं (Internal Piles) और कभी बाहर की ओर आ जाते हैं (External Piles)। जब ये मस्से बाहर आकर दर्द, जलन, या खून बहाने लगते हैं, तब परेशानी और बढ़ जाती है। इसलिए बवासीर के मस्से सुखाने के उपाय जानना बहुत ज़रूरी है। लेकिन इससे पहले बवासीर के लक्षण जान लेने चाहिए जो नीचे दिए गए हैं।
ईन लक्षणों से बवासीर की पहचान की जा सकती है -
अगर आपको ये लक्षण नजर आ रहे हैं, तो यह जरूरी है कि आप तुरंत उचित कदम उठाएं। जिसमें से एक है बवासीर का आयुर्वेदिक उपचार करना।
ईन उपायों से बवासीर का ईलाज किया जा सकता है;
रात को सोने से पहले एक गिलास गुनगुने पानी के साथ एक चम्मच त्रिफला चूर्ण लें। इससे कब्ज से राहत मिलती है, आंतों की सफाई होती है। साथ ही सूजन और मस्से धीरे-धीरे सूखने लगते हैं।
यह बवासीर की रामबाण दवा मानी जाती है। दिन में दो बार भोजन के बाद गुनगुने पानी के साथ इसे लें। यह खून आना बंद करता है। सूजन कम करता है और मस्से सुखाने में मददगार है।
गुनगुने पानी में थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर दिन में 10-15 मिनट बैठें। इससे कुल्हे की सूजन में राहत मिलती है, दर्द और जलन कम होती है और मस्से सूखने लगते हैं। यह तरीका पाइल्स का इलाज करने में बहुत असरदार हो सकता है।
ताजा एलोवेरा का जेल निकालकर सीधे मस्सों पर लगाएं। ऐसा दिन में दो बार करें। यह ठंडक पहुंचाता है, सूजन और जलन कम करता है। साथ ही मस्सों के सूखने की प्रक्रिया तेज करता है।
‘बवासीर में क्या खाएं’ - इसकी जानकारी होना ज़रूरी है जो नीचे दी गयी है;
ईन आयुर्वेदिक दवाओं से बवासीर का ईलाज किया जा सकता है -
नागकेसर: खून रोकने में कारगर, मस्सों की सूजन कम करता है।
हरड़ (Haritaki): कब्ज दूर करता है, आंतों की सफाई करता है।
अर्क औषधि (Arka Patra): मस्सों पर लगाने से वह जल्दी सूखते हैं।
ईन नुस्खों से बवासीर का घरेलु उपचार किया जा सकता है -
नीम और हल्दी का लेप - नीम की पत्तियों का पेस्ट बनाकर उसमें चुटकी भर हल्दी मिलाएं। इसे प्रभावित जगह पर लगाएं। इसमें एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो सूजन कम करते हैं और इससे मस्से सूखते हैं।
मूली का रस - सुबह खाली पेट 2 चम्मच मूली का रस लें। यह अंदरूनी मस्सों के लिए फायदेमंद है। साथ ही पाचन में सुधार और सूजन में राहत मिलती है।
बर्फ की सिकाई - बर्फ के टुकड़े को साफ कपड़े में लपेट कर मस्सों पर 10 मिनट रखें। इससे जलन और दर्द में त्वरित राहत मिलती है और सूजन घटती है।
बवासीर के लक्षण और उपाय के अलावा इस रोग से जुड़े कुछ ज़रूरी सवाल और जानकारियाँ नीचे दी गयी हैं जो रोगी को बहुत फायदा पहुंचा सकती हैं।
ठंडा पैक, सिट्ज़ बाथ, बवासीर के लिए क्रीम या मलम और एलोवेरा का इस्तेमाल करने से बवासीर के मस्से में जलन और दर्द से राहत मिल सकती है।
ऐसे में सबसे पहले स्वच्छता बनाए रखना ज़रूरी है। प्रभावित क्षेत्र को साफ पानी से धोएं और सूखाएं फिर दर्द और सूजन से राहत के लिए ठंडी सिकाई करें।
इसके कुछ आम उपाय हैं: ज़्यादा फाइबर वाला खाना खाना, हाइड्रेटेड रहना, हॉट बाथ, बवासीर की क्रीम, लोशन या ऑइंटमेंट का उपयोग करना और पैन किलर लेना।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको बवासीर के मस्से सुखाने के उपाय बताए। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को बवासीर की समस्या है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।
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