किडनी सिस्ट रोग के घरेलू उपाय

किडनी सिस्ट रोग क्या है?

किडनी सिस्ट रोग (CKD), किडनी से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। इस स्थिति में किडनी या उसके आसपास छोटे-बड़े सिस्ट यानी तरल की थैली बन जाती हैं। इसके कारण किडनी का आकार बढ़ सकता है या किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है। साथ ही सही समय पर उपचार नहीं करने से किडनी से जुड़ी कई बीमारी हो सकती हैं। ऐसे में आपके लिए किडनी सिस्ट रोग के घरेलू उपाय जानना जरूरी है, जिससे आप इसके लक्षणों को आसानी से कम कर सकते हैं। लेकिन, सबसे पहले हम बात करेंगे इसके लक्षण, कारण और प्रकार की।

किडनी सिस्ट रोग के लक्षण

कई लक्षणों की पहचान करके आप किडनी सिस्ट रोग का पता लगा सकते हैं। ऐसे ही कुछ लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैं:

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किडनी सिस्ट रोग के कारण

किडनी सिस्ट रोग के कुछ सामान्य कारण और जोखिम कारक इस प्रकार हैं:

  • उम्र और लिंग
  • आनुवांशिकता
  • मोटापा
  • धुम्रपान
  • उच्च रक्तचाप
  • इंफेक्शन या चोट
  • हार्मोनल असंतुलन
  • किडनी की बीमारी

किडनी सिस्ट रोग के प्रकार

किडनी सिस्ट के कई प्रकार हैं, जैसे:

किडनी सिस्ट रोग के घरेलू उपाय

किडनी सिस्ट रोग का समय पर उपचार नहीं करने से गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, आप कुछ घरेलू उपायों की मदद से इसके लक्षणों को कम कर सकते हैं। ऐसे ही कुछ घरेलू उपाय नीचे दिए गए हैं:

संतुलित आहार खाएं- संतुलित आहार से किडनी की कार्यप्रणाली को बढ़ावा मिलता है। लेकिन, इसके साथ ही आपको प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ और वसायुक्त आहार के सेवन से भी बचना चाहिए। इनसे आपको उच्च रक्तचाप और किडनी से जुड़ी अन्य बीमारियां होने का जोखिम बढ़ जाता है। हालांकि, आहार में फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज और दाल जोड़कर आप जरूरी पोषक तत्व प्राप्त कर सकते हैं।

आहार में जरूरी पोषक तत्व जोड़ें- विटामिन-सी, डी और मैग्नीशियम जैसे कुछ पोषक तत्वों को किडनी के स्वास्थ्य में सुधार के लिए प्रभावी पाया गया है। इनसे किडनी की कार्यप्रणाली बेहतर होती है, जिससे किडनी सिस्ट रोग और किडनी से संबंधित अन्य समस्याओं को नियंत्रित किया जा सकता है।

पर्याप्त पानी पिएं- किडनी सिस्ट रोग या किडनी से जुड़ी किसी भी समस्या में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बहुत फायदेमंद हो सकता है। इससे टॉक्सिंस को किडनी से बाहर निकालने और किडनी के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिलती है। दिन में कम से कम 8-10 पानी पीने से सूजन कम होती है और किडनी की कार्यप्रणाली में सुधार होता है।

हर्बल ऑयल का प्रयोग करें- हर्बल ऑयल किडनी सिस्ट रोग का स्थायी इलाज नहीं हैं। हालांकि, कोकोनट, लैवेंडर, जोजोबा और टी ट्री ऑयल से इस समस्या के लक्षण कम हो सकते हैं। यह ऑयल एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होते हैं। इससे दर्द और सूजन को कम करने के साथ-साथ किडनी के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद मिलती है।

हर्बल टी का सेवन करें- डंडेलियन रूट, हिबिस्कस और ग्रीन टी जैसी हर्बल चाय को किडनी के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। यह चाय सूजन को कम, रक्तचाप को नियंत्रित और शरीर को डिटॉक्स करती हैं, जिससे आप किडनी लंबे समय तक हेल्दी बनाए रख सकते हैं।

नमक और चीनी का सीमित सेवन- नमक और चीनी के ज्यादा सेवन से आपकी किडनी प्रभावित हो सकती है। यह डायबिटीज, उच्च रक्तचाप या किसी अन्य जैसी समस्या का कारण बन सकती हैं।

नियमित व्यायाम- रक्त परिसंचरण में सुधार के लिए नियमित व्यायाम बहुत जरूरी है। इससे उच्च रक्तचाप को नियंत्रित और किडनी सिस्ट रोग के लक्षणों को कम किया जा सकता है। आप 30 मिनट वॉकिंग, स्विमिंग या योग जैसे हल्के व्यायाम से किडनी और समग्र स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं।

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इस ब्लॉग में बताए गए किडनी सिस्ट रोग के घरेलू उपाय आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। लेकिन, आप केवल इन उपायों पर निर्भर न रहें और किसी भी उपचार को चुनने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। अगर आपको या आपके किसी परिजन को किसी भी किडनी रोग या कैंसर का आयुर्वेदिक उपचार की आवश्यकता हो, तो आप कर्मा आयुर्वेदा क्लीनिक में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक चिकित्सकों से अपना इलाज करवा सकते हैं। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे आपको किडनी सिस्ट या किसी भी समस्या से छुटकारा मिल सकता है। सेहत से जुड़े ऐसे ही ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।

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