पेट में इन्फेक्शन की आयुर्वेदिक दवा – Pet Mein Infection Ki Ayurvedic Dawa
पेट में इन्फेक्शन की बीमारी क्या है – Pet mein infection ki bimari kya hai?
बैक्टीरिया, वायरस या परजीवी के कारण अक्सर पेट और आँतों में सूजन हो जाती है जिसे पेट में इन्फेक्शन, गैस्ट्रोएंटेराइटिस या Stomach Flu भी कहते हैं। पेट से जुड़ी समस्याओं में अंग्रेजी दवाइयों के साइड इफेक्ट्स ज़्यादा हो सकते हैं इसलिए, लोग आजकल पेट में इन्फेक्शन की आयुर्वेदिक दवा लेना ज़्यादा पसंद करते हैं। लेकिन दवाई जानने से पहले पेट में इन्फेक्शन के लक्षण और कारण जान लेने चाहिए जो नीचे दिए गए हैं।
पेट में इन्फेक्शन के लक्षण – Pet mein infection ke lakshan
- जी मिचलाना या उल्टी
- दस्त लगना
- पेट में ऐंठन होना
- पेट में दर्द होना
- पेट फूल जाना
- बुखार
- थकान या कमज़ोरी
- भूख न लगना
पेट में इन्फेक्शन के कारण – Pet mein infection ke karan
- खराब डाइट और गन्दा पानी
- संक्रमित लोगों या उनकी चीज़ों के कांटेक्ट में आना
- संक्रमित सतहों को छूना
- शरीर की साफ़-सफाई न रखना
- कमज़ोर इम्युनिटी
- नोरोवायरस और रोटावायरस जैसे वायरस
- ई. कोलाई, साल्मोनेला और हेलिकोबैक्टर पाइलोरी जैसे बैक्टीरिया
- गंदे पानी या भोजन से फैलने वाले परजीवी
पेट में इन्फेक्शन की आयुर्वेदिक दवा – Pet Mein Infection Ki Ayurvedic Dawa
आम तौर पर ईन दवाओं को अनुभवी आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से लेने पर पेट में इन्फेक्शन का जड़ से इलाज हो सकता है, वो भी बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के –
- बिल्वादि चूर्ण: यह पेट के इन्फेक्शन, दस्त, उल्टी और गैस की समस्या में फायदा करता है। 1-2 चम्मच बिल्वादि चूर्ण गुनगुने पानी के साथ दिन में 2 बार लें।
- कुटजारिष्ट या कुटजघन वटी: कुटज, आंतों के इन्फेक्शन और पेचिश में आयुर्वेद की ख़ास दवाई है। 2–3 चम्मच कुटजारिष्ट गुनगुने पानी में मिलाकर दिन में 2 बार ले सकते हैं।
- त्रिफला चूर्ण: यह आँतों की सफाई करता है और संक्रमणकारक जीवाणुओं को दूर करता है। रात को सोने से पहले 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें।
- धनिया और सौंफ का काढ़ा: यह काढ़ा पेट की जलन, ऐंठन और इन्फेक्शन से राहत देता है। 1 गिलास पानी में 1 चम्मच धनिया व 1 चम्मच सौंफ डालकर उबालें और दिन में 2 बार पिएं।
- गिलोय (Guduchi): यह इन्फेक्शन रोकने वाली और इम्युनिटी बढ़ाने वाली बेस्ट दवाई है। गिलोय घनवटी की 2-2 गोली सुबह-शाम गुनगुने पानी के साथ लें।
- अदरक और शहद: अदरक की गर्म तासीर और शहद की जीवाणुरोधी शक्ति इन्फेक्शन में फायदा करती है। 1 चम्मच अदरक का रस और 1 चम्मच शहद दिन में 2 बार लेना चाहिए।
- अनार का छिलका पाउडर: यह पेट की गड़बड़ी, दस्त और इन्फेक्शन में बहुत उपयोगी है। 1 चम्मच अनार का छिलका पाउडर छाछ के साथ दिन में 2 बार ले सकते हैं।
पेट में इन्फेक्शन के लक्षण, कारण और आयुर्वेदिक दवा के अलावा और भी ज़रूरी जानकारियाँ नीचे शेयर की गयी है जो इस रोग के उपचार में काम आ सकती है।
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FAQs
पेट में इन्फेक्शन के लिए घरेलू आयुर्वेदिक नुस्खे क्या हैं – Pet mein infection ke liye gharelu ayurvedic nuskhe kya hain?
अनार के छिलके का पाउडर, सौंफ और धनिया का काढ़ा, हल्दी दूध और दही-छाछ का सेवन पेट के संक्रमण में घरेलू आयुर्वेदिक नुस्खे हैं।
क्या गिलोय पेट के इन्फेक्शन में फायदेमंद है – Kya giloy pet ke infection mein faydemand hai?
हाँ, गिलोय इन्फेक्शन रोकता है और इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करता है।
बच्चों में पेट के इन्फेक्शन की आयुर्वेदिक दवा क्या है – Bachho mein pet ke infection ki ayurvedic dawa kya hai?
बच्चों के लिए हल्दी पानी, बेल का शर्बत, सौंफ का काढ़ा और अनार का रस फायदेमंद है। लेकिन, कोई भी दवाई आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से ही लें।
पेट के इन्फेक्शन में खाने-पीने में क्या सावधानी रखें – Pet ke infection mein khane-pine mein kya savdhani rakhein?
तेल-मसाले वाली चीज़ें और बासी भोजन न खाएं। हल्का दलिया, खिचड़ी, छाछ, नारियल पानी और उबला हुआ पानी पिएं।
पेट में इन्फेक्शन का आयुर्वेदिक इलाज कैसे करें – Pet mein infection ka ayurvedic ilaj kaise karein?
साफ़ पानी पिएं, हल्दी, अदरक और धनिया-सौंफ का काढ़ा लें। साथ ही कुटजारिष्ट और गिलोय वटी का सेवन आयुर्वेद में लाभकारी माना जाता है।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको पेट में इन्फेक्शन की आयुर्वेदिक दवा के बारे में बताया। लेकिन, आप सिर्फ़ इस जानकारी या सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को पेट में इन्फेक्शन की समस्या है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।