गठिया रोग में जोड़ों से जुड़ी दिक्कतें होती हैं, जैसे जोड़ों में दर्द, सूजन, अकड़न आदि। ऐसे में जोड़ों में ऐक्टिविटी बहुत कम हो जाती है और कई बार जोड़ों को भारी नुकसान भी पहुँच सकता है। जोड़ों की इस बीमारी को अर्थराइटिस भी कहा जाता है जिसके ट्रीटमेंट में एक्सरसाइज़ बहुत फायदा करती है। क्योंकि ये एक हड्डियों से जुड़ा रोग है इसलिए, भारी एक्सरसाइज़ के बजाय हल्की स्ट्रेचिंग ज़्यादा असरदार होती हैं जिनमें 5 सबसे ख़ास हैं। इसलिए, गठिया मरीजों के लिए सुबह की 5 स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ के बारे में ज़रूर जानना चाहिए ताकि गठिया का घरेलू उपचार मिल सके। लेकिन, पहले इस बीमारी में एक्सरसाइज़ के फायदे जान लें।
1. जांघ के पीछे की स्ट्रेच – हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच
इसे करने के लिए पलंग या योगा मैट पर सीधा बैठ जाएँ। एक पैर सीधा रखें और दूसरे को मोड़ लें। अब सीधे पैर की ओर झुकें और पंजों को हल्के से छूने की कोशिश करें। इससे घुटनों, हिप और पैरों में जकड़न कम होती है, साथ ही चलना आसान हो सकता है।
2. जांघ के सामने की स्ट्रेच – क्वाड स्ट्रेच
सबसे पहले दीवार का सहारा लेकर खड़े हों। अब एक पैर को पीछे मोड़कर एड़ी को पकड़ें और नितंबों की ओर खींचें। यह करने से घुटनों पर प्रेशर कम पड़ता है और घुटनों के दर्द में राहत मिलती है।
3. कैट–काउ स्ट्रेच
खुद को चारों हाथ-पैरों पर लाएँ। अब सांस अंदर लें और पेट नीचे छोड़कर गर्दन ऊपर उठाएँ। अब सांस बाहर छोड़ें और पीठ को ऊपर गोल करें। इस स्ट्रेच से रीढ़ की हड्डी लचीली होती है, कमर दर्द और जकड़न कम होती है।
4. टखनों की रोटेशन – एंकल सर्कल्स
सबसे पहले एक कुर्सी पर बैठें फिर एक पैर उठाकर टखने को गोल-गोल, दाएं-बाएं घुमाएँ। इस तरह टखनों की रोटेशन करने से सुबह उठते ही पैरों में जो जकड़न रहती है, वह जल्दी दूर होती है, बैलेंस बेहतर होता है।
5. घुटनों और हिप के लिए, नी-टू-चेस्ट स्ट्रेच
चटाई पर पीठ के बल लेट जाएँ फिर एक घुटने को पकड़कर धीरे-धीरे छाती की ओर खींचें। इस तरह 15 सेकंड होल्ड करें, फिर दूसरे पैर से दोहराएँ। इससे हिप, घुटनों और निचली कमर की जकड़न कम होती है और चलने में आराम मिलता है।
सुबह उठने के तुरंत बाद या हल्का वॉर्म-अप करने के बाद करें।
स्ट्रेचिंग से टखनों की जकड़न कम होती है, बैलेंस सुधरता है और चलने में आसानी होती है।
हल्की खिंचाव ठीक है, लेकिन तेज़ या चुभन जैसा दर्द हो तो स्ट्रेचिंग तुरंत रोक दें।
हाँ, इससे मांसपेशियाँ रिलैक्स होती हैं और स्ट्रेचिंग बेहतर होती है।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको गठिया मरीजों के लिए सुबह की 5 स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ के बारे में जानकारी दी। लेकिन, आप सिर्फ़ इस जानकारी या सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आप या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को गठिया की समस्या है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से गठिया का आयुर्वेदिक उपचार और गठिया के लिए उपयोगी हेल्दी डाइट चार्ट ले सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।
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