यह स्किन से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है जिसमें स्किन की कोशिकाएँ तेज़ी से बढ़ने लगती हैं। इस वजह से खुजली होने लगती है और साथ ही पपड़ीदार, लाल धब्बे बन जाते हैं। अगर इस रोग को शुरू में ही पहचान लिया जाए तो घरेलू नुस्खों से भी इलाज किया जा सकता है। इसलिए, इस बारे में ज़रूर जानना चाहिए कि, “सोरायसिस के घरेलू इलाज क्या हैं?” आप चाहें तो कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल से सोरायसिस का आयुर्वेदिक उपचार भी ले सकते हैं लेकिन, पहले सोरायसिस के लक्षण, कारण और घरेलू उपचारों को ठीक से समझ लेना चाहिए।
नीचे दिए गए ईन लक्षणों से सोरायसिस का पता लगाया जा सकता है –
आम तौर पर इस रोग के पीछे ये कारण हो सकते हैं –
नीचे दिए गए ईन नुस्खों से सोरायसिस का घरेलू उपचार किया जा सकता है –
यह स्किन का सूखापन कम करता है, पपड़ी को मुलायम बनाता है और खुजली में आराम देता है। हल्का गर्म नारियल तेल रात में सोने से पहले असर वाली जगह पर लगाएं।
इससे सूजन और लालिमा कम होती है, स्किन को ठंडक और नमी मिलती है। इसलिए, शुद्ध एलोवेरा जेल दिन में 2-3 बार लगाएं।
इससे स्किन में नमी बनी रहती है, सर्दियों में स्केलिंग कम होती है। हल्का गर्म करके इसे असर वाली जगहों पर मालिश करनी चाहिए।
खुजली और जलन कम होती है। 1 कप ओट्स को पीसकर गर्म पानी से भरे बाथटब में डालें फिर 15-20 मिनट बॉडी को भिगोकर रखें।
इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सोरायसिस की सूजन कम करते हैं। हल्दी वाला दूध, हल्दी और एलोवेरा जेल मिलाकर पैक लगाएं।
इसके पत्ते फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाते हैं और सूजन कम होती है। नीम के पत्तों को उबालकर पानी से नहाएं या नीम का पेस्ट असर वाली जगह पर लगाएं।
यह सूजन और जलन में आराम देता है। मेथी के दाने रात में भिगोकर पेस्ट बनाकर लगाएं।
यह खुजली कम करने का असरदार तरीका है। 1 कप पानी में 1 चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर कॉٹن से असर वाली जगहों पर लगाएं। लेकिन, ध्यान रखें – कटी या फटी स्किन पर न लगाएं।
यह स्कैल्प (खोपड़ी) सोरायसिस में बहुत फायदा करता है। ऑलिव ऑयल से हल्की मालिश करने के 1-2 घंटे बाद धो लें।
इससे गहरी नमी मिलती है, जलन और पपड़ी में थोड़ा आराम मिलता है। रात में असर वाली जगह पर हल्का गर्म घी लगाएं।
हरी सब्जियां, पपीता, सेब, अलसी, अखरोट और हल्दी जैसे एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड्स खाने चाहिए।
जंक फूड, मसालेदार चीज़ें, रेड मीट, शराब और धूम्रपान से बचना चाहिए।
नहीं, सोरायसिस संक्रामक नहीं है। यह स्किन के अंदर की कन्डिशन है।
स्कैल्प की त्वचा पर तेज़ी से नई कोशिकाएँ बनने के कारण पपड़ी और खुजली हो जाती है।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको बताया, “सोरायसिस के घरेलू इलाज क्या हैं?” लेकिन, आप सिर्फ़ इस जानकारी या सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आप या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को सोरायसिस की समस्या है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से सोरायसिस का आयुर्वेदिक उपचार लें। यहाँ आपको उपचार के साथ-साथ सोरायसिस में ली जाने वाली सही डाइट की जानकारी और कंसल्टेंसी भी मिलेगी। हेल्थ से जुड़े ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।
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