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अगर आपको चलने, खड़े होने या सीढ़ियाँ चढ़ने में एड़ी में चुभन या जलन जैसा दर्द महसूस होता है तो यह एड़ी के दर्द का संकेत हो सकता है। यह समस्या आम होते हुए भी जीवन को काफी मुश्किल बना देती है। कई लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन समय रहते एड़ी के दर्द का पक्का इलाज ना जाना तो यह समस्या एड़ी में लगातार दर्द (Chronic Heel Pain) में बदल सकती है। लेकिन पहले एड़ी में दर्द के कारण और लक्षण समझ लेने चाहिए क्योंकि समस्या की जड़ पहचानना ही इलाज का पहला कदम है।
एड़ी में दर्द के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से ख़ास हैं:
1. प्लांटर फैसाइटिस (Plantar Fasciitis): यह एड़ी में दर्द का सबसे सामान्य कारण है। सुबह उठते ही पहला कदम रखते समय तेज़ दर्द महसूस होता है।
2. एड़ी में कैल्शियम की गांठ (Heel Spur): एड़ी की हड्डी में कैल्शियम जमा हो जाता है जिससे चुभन होती है।
3. मोटापा या ज़्यादा वजन: शरीर का भार एड़ी पर अधिक दबाव डालता है जिससे दर्द होता है।
4. गलत जूते पहनना: सपोर्ट या कुशनिंग के बिना जूते लंबे समय तक पहनने से एड़ी पर दबाव बनता है।
5. गठिया (Arthritis): गठिया बाय की स्थिति में अक्सर एड़ी का जोड़ प्रभावित होता है।
6. डायबिटीज और नसों की कमजोरी: ब्लड फ्लो की कमी और नसों को नुकसान होने से भी एड़ी में दर्द हो सकता है।
ईन लक्षणों से एड़ी में दर्द का पता लगाया जा सकता है -
नीचे दिए गए आयुर्वेदिक तरीकों, घरेलु नुस्खों और मॉडर्न टेकनिक से एड़ी के दर्द का पक्का उपचार किया जा सकता है।
1. बर्फ से सिकाई (Cold Compress): एक कपड़े में बर्फ के टुकड़े लपेटकर एड़ी पर 10-15 मिनट तक रखें। सूजन और दर्द में राहत मिलेगी।
2. ऑर्थोपेडिक जूते और इनसोल: कुशन वाले या आर्च सपोर्ट वाले जूते पहनें। हील पैड का इस्तेमाल करें।
3. दवा और मलहम: आयुर्वेद में गुग्गुलु, महायोगराज गुटिका जैसी दवाएं उपयोगी हैं। एलोपैथी में दर्दनिवारक क्रीम या टैबलेट भी दी जाती हैं।
4. फिजियोथेरेपी: डॉक्टर से परामर्श लेकर हील स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें। अल्ट्रासाउंड थेरेपी या TENS तकनीक भी कारगर है।
1. अदरक और हल्दी का पेस्ट: दोनों को मिलाकर हल्का गर्म करके एड़ी पर लगाएं। इससे सूजन कम होती है।
2. एरंड (Castor Oil) मालिश: एड़ी पर गुनगुने एरंड तेल से मालिश करें। जोड़ों के दर्द और सूजन में राहत।
3. एप्सम सॉल्ट से गरारे: गुनगुने पानी में एक चम्मच एप्सम सॉल्ट डालें। इसमें एड़ी को 15-20 मिनट डुबोकर रखें।
4. सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar): आधा कप गुनगुने पानी में 2 चम्मच ACV मिलाकर उसमें पैर डुबोएं। यह सूजन और जकड़न में फायदेमंद है।
1. ताड़ासन (Tadasana): शरीर को ऊपर की ओर खींचते हुए पंजों पर खड़े हों। इससे एड़ी की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं।
2. वीरभद्रासन (Virabhadrasana): इससे balance बढ़ता है और निचले अंगों में ब्लड फ्लो सुधरता है।
3. एड़ी स्ट्रेच: एक दीवार के सहारे खड़े होकर पंजे ऊपर और एड़ी नीचे रखें।
4. टॉवेल एक्सरसाइज: एक टॉवेल को पंजों के नीचे रखकर धीरे-धीरे खींचें।
ईन चीज़ों का सेवन करें: हड्डी मजबूत करने वाली चीज़ें जैसे - दूध, पनीर, तिल, बादाम। एंटी-इंफ्लेमेटरी चीजें जैसे - हल्दी, लहसुन, अदरक। इसके अलावा भरपूर पानी और फाइबरयुक्त आहार लें।
एड़ी के दर्द के कारण, लक्षण और इलाज के अलावा कुछ ज़रूरी सवाल और जानकारीयाँ नीचे दी गयी हैं जो रोगी को फायदा पहुंचा सकती हैं।
एड़ी का दर्द आमतौर पर घरेलू उपचार से ठीक हो जाता है, लेकिन अगर यह दो-तीन हफ़्तों तक जारी रहे या गंभीर हो, तो डॉक्टर से परामर्श लेना ज़रूरी है।
एड़ी के दर्द के लिए, कुशनिंग, आर्च सपोर्ट और एड़ी पर दबाव कम करने वाले जूते सबसे अच्छे होते हैं।
ईन चीज़ों का परहेज़ करें: जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक, ज्यादा तेल-घी, ज्यादा नमक और चीनी। इसके अलावा एल्कोहल और धूम्रपान पूरी तरह छोड़ें।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको एड़ी के दर्द का पक्का इलाज बताया। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को एड़ी के दर्द की समस्या है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे और भी ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।
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