क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षण

क्रिएटिनिन का लेवल बढ़ना किडनी की खराबी का सबसे पहला संकेत हो सकता है। इसलिए, क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षण जानना ज़रूरी है ताकि इलाज शुरू करने में आसानी हो। लेकिन, पहले क्रिएटिनिन के बारे में आम जानकारी लेनी चाहिए जो नीचे दी गयी है।

क्रिएटिनिन क्या है और यह क्यों बढ़ता है - Creatinine kya hai aur yah kyon badhta hai?

जब हमारी किडनी स्वस्थ होती है, तो वह शरीर के ज़हरीले तत्वों को पेशाब के जरिए बाहर निकालती है। इन ज़हरीले तत्वों में एक ख़ास तत्व होता है – क्रिएटिनिन। यह एक वेस्ट प्रोडक्ट है जो मांसपेशियों की एक्टिविटी से बनता है। वैसे तो यह खून से फिल्टर होकर पेशाब में बाहर निकल जाता है, लेकिन जब किडनी कमजोर होती है या सही से काम नहीं करती, तो इसका लेवल खून में बढ़ने लगता है और यह खून में जमा होने लगता है। जिससे किडनी की गंभीर बीमारी हो सकती है।

क्रिएटिनिन का लेवल कितना होना चाहिए - Creatinine ka level kitna hona chahiye?

  • एक हेल्दी पुरुष में: 0.7 से 1.3 मिलीग्राम प्रति डेसीलिटर
  • एक हेल्दी महिला में: 0.6 से 1.1 मिलीग्राम प्रति डेसीलिटर
  • एक हेल्दी बच्चे में: 0.3 से 1.0 मिलीग्राम प्रति डेसीलिटर

यदि किसी व्यक्ति की रिपोर्ट में क्रिएटिनिन का लेवल लगातार बढ़ता रहे, तो यह किडनी रोग या किडनी फेल होने का संकेत हो सकता है।

क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षण - Creatinine Badhne ke Lakshan

शुरुआती चरणों में क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षण बहुत हल्के हो सकते हैं या न के बराबर महसूस होते हैं। लेकिन जैसे-जैसे यह लेवल बढ़ता है, शरीर कई संकेत देने लगता है; जिनमें ख़ास हैं -

1. थकान और कमजोरी

क्रिएटिनिन बढ़ने पर शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं जिससे मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होती है। व्यक्ति अक्सर बिना कोई भारी काम किए भी थका हुआ महसूस करता है।

2. पेशाब में बदलाव

  • पेशाब का रंग गाढ़ा हो सकता है
  • पेशाब की मात्रा कम हो सकती है
  • बार-बार पेशाब आना या बिल्कुल नहीं आना
  • पेशाब में झाग आना (प्रोटीन लीक होने के कारण)

3. चेहरे, आंखों और पैरों में सूजन (Edema)

किडनी ठीक से टॉक्सिन्स और एक्स्ट्रा पानी नहीं निकाल पाती, जिससे शरीर में पानी जमा होने लगता है और सूजन हो जाती है, खासकर पैरों, टखनों और आंखों के नीचे।

4. सांस लेने में दिक्कत

ब्लड में टॉक्सिन्स का लेवल बढ़ने से लंग्स पर असर पड़ सकता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत और थकान महसूस होती है।

5. भूख न लगना और मतली

किडनी जब ज़हरीले तत्वों को बाहर नहीं निकाल पाती, तो व्यक्ति को खाना अच्छा नहीं लगता, जी मिचलाता है और उल्टी जैसी स्थिति बनती है।

6. त्वचा में खुजली और ड्रायनेस

ब्लड में ज़हरीले तत्त्व के बढ़ने से स्किन पर खुजली होती है, खासकर रात के समय या बिना किसी एलर्जी के।

7. ब्लड प्रेशर का बढ़ना

किडनी ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने वाले हार्मोन को बैलेंस करती है। जब यह ठीक से काम नहीं करती, तो ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है।

8. धड़कन तेज होना या दिल की धड़कन रेगुलर ना होना

ब्लड में क्रिएटिनिन और इलेक्ट्रोलाइट का बैलेंस बिगड़ने से दिल पर असर पड़ता है। इससे व्यक्ति को चक्कर या धड़कन तेज होने की समस्या हो सकती है।

9. मानसिक भ्रम और नींद की परेशानी

किडनी की कमजोरी का असर दिमाग पर भी पड़ सकता है जिससे व्यक्ति को चिड़चिड़ापन, फोकस में कमी और नींद न आने जैसी शिकायतें हो सकती हैं।

ये लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए। लक्षणों के साथ-साथ क्रिएटिनिन बढ़ने के कारण भी जान लेने चाहिए जिससे इसे रोका जा सके।

क्रिएटिनिन बढ़ने के कारण - Creatinine Badhne ke Karan

  • क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD)
  • डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर
  • मांसपेशियों में चोट या इंफेक्शन
  • कुछ दवाएं (जैसे – पेनकिलर, स्टेरॉइड)
  • डिहाइड्रेशन या पानी की कमी
  • ज़्यादा प्रोटीन वाला डाइट
  • ज़्यादा एक्सरसाइज या बॉडीबिल्डिंग सप्लिमेंट्स का सेवन

क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षण और कारण के अलावा कुछ ज़रूरी सवाल और जानकारियाँ नीचे दी गयी हैं जो रोगी को फायदा पहुंचा सकती हैं।

क्या सिर्फ क्रिएटिनिन बढ़ने से किडनी खराब मानी जाती है - Kya sirf Creatinine badhne se Kidney kharab mani jati hai?

नहीं, सिर्फ क्रिएटिनिन बढ़ना किडनी खराब होने का अंतिम सबूत नहीं है। कभी-कभी डिहाइड्रेशन, मांसपेशियों में खिंचाव या कुछ दवाओं के सेवन से भी यह बढ़ सकता है। इसलिए डॉक्टरी जांच जरूरी है।

क्या आयुर्वेद या घरेलू उपायों से क्रिएटिनिन कम हो सकता है - Kya Ayurved ya Gharelu upayo se Creatinine kam ho sakta hai?

कुछ आयुर्वेदिक औषधियां जैसे गुड़मार, वरुण, गोखरू आदि से किडनी की कार्यक्षमता को सपोर्ट मिल सकता है, लेकिन इन्हें केवल आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से ही लेना चाहिए।

क्या क्रिएटिनिन कम करने के लिए डाइट में बदलाव जरूरी है - Kya Creatinine kam karne ke liye diet mein badlav zaruri hai?

हां। कम सोडियम, नियंत्रित प्रोटीन, कम पोटैशियम वाले आहार लेने से किडनी पर दबाव कम होता है और क्रिएटिनिन कंट्रोल में रह सकता है।

आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षण बताए। लेकिन आप सिर्फ़ ईन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को क्रिएटिनिन बढ़ने की समस्या है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।

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