आर्थराइटिस और यूरिक एसिड का क्या कनेक्शन है? – Arthritis Aur Uric Acid Ka Kya Connection Hai?

प्यूरीन नाम के केमिकल के टूटने से एक नेचुरल वेस्ट मटेरियल बनता है जो खून में पाया जाता है, जिसे यूरिक एसिड कहते हैं। इसे आमतौर पर किडनी पेशाब के ज़रिये बाहर निकाल देती है। लेकिन, जब यूरिक एसिड बढ़ जाता है तो जोड़ों की बीमारी आर्थराइटिस हो सकती है जिसे गठिया रोग भी कहते हैं। यूरिक एसिड की वजह से होने वाले आर्थराइटिस को गाउट कहा जाता है जिसका अगर समय पर इलाज न किया जाए तो जोड़ों को भारी नुकसान हो सकता है। इसलिए, ये जानना बहुत ज़रूरी है कि आर्थराइटिस और यूरिक एसिड का क्या कनेक्शन है? अगर आप चाहें तो यूरिक एसिड कंट्रोल करके आर्थराइटिस का प्राकृतिक उपचार कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में ले सकते हैं। लेकिन, पहले इस बीमारी के बारे में ठीक से जान लेना चाहिए।

यूरिक एसिड से आर्थराइटिस होने के लक्षण – Uric acid se arthritis hone ke lakshan

  • अक्सर रात के वक़्त या सुबह जल्दी जोड़ों में अचानक, तेज दर्द हो सकता है।
  • असर वाली जगह पर सूजन और लालिमा दिखने लगती है।
  • जोड़ों का बहुत सेन्सिटिव होना और हल्का छूने पर भी तेज़ दर्द होना।
  • जोड़ों को छूने पर गरम महसूस होना।
  • वक़्त के साथ जोड़ों में अकड़न इतनी बढ़ जाती है कि हिलना भी मुश्किल हो सकता है।
  • स्किन के नीचे सख्त गाँठों का बनना।

आर्थराइटिस और यूरिक एसिड का क्या कनेक्शन है? – Arthritis Aur Uric Acid Ka Kya Connection Hai?

नीचे दिए गए बिंदुओं से आर्थराइटिस और यूरिक एसिड का कनेक्शन विस्तार में समझा जा सकता है –

  • 1. क्रिस्टल का जमना: जब बॉडी में यूरिक एसिड ज़्यादा बनता है या ठीक से बाहर नहीं निकलता, तो यह क्रिस्टल (कांच जैसे नुकीले कण) बनकर जोड़ों में जमा हो जाता है। ये क्रिस्टल जोड़ में घुसे छोटे कांच की तरह काम करते हैं जिससे तेज़ दर्द, सूजन, लालिमा, गर्माहट और चलने-फिरने में दिक्कत होती है। इसे ही गाउट आर्थराइटिस कहा जाता है।
  • 2. रात में गाउट का अटैक: रात में शरीर का तापमान कम होता है और यूरिक एसिड क्रिस्टल बनने की प्रोसेस तेज़ हो जाती है तो बड़े अंगूठे में अचानक तेज़ दर्द उठता है जो गाउट का एक ख़ास लक्षण है।
  • 3. यूरिक एसिड के असर वाली ख़ास जगह: गाउट का सबसे ज़्यादा असर ईन जगहों पर होता है – पैर का बड़ा अंगूठा, टखना, घुटना, उंगलियाँ और कोहनी।
  • 4. यूरिक एसिड बढ़ने से होने वाली दूसरी समस्याएँ: आम तौर पर यूरिक एसिड बढ़ने से ये समस्याएँ हो सकती हैं –
    • किडनी स्टोन
    • किडनी में सूजन
    • जोड़ों डैमेज होना
    • चलने में दिक्कत
    • क्रोनिक जॉइंट इन्फ्लेमेशन
  • 5. यूरिक एसिड को बढ़ाने वाले कारण: ईन कारणों से यूरिक एसिड बढ़ सकता है –
    • रेड मीट, मछली, दालें, बीयर जैसी प्यूरीन-रिच चीजें खाना
    • कम पानी पीना
    • मोटापा
    • ज़्यादा फ्रक्टोज वाली चीजें लेना
    • किडनी कमजोरी होना
    • शराब पीना

गाउट का आयुर्वेदिक उपचार – Gout ka ayurvedic upchaar

आयुर्वेद गाउट (वात-रक्त) को जड़ से ठीक करने पर ध्यान देता है जिसमें शरीर से टॉक्सिन्स निकालना, खून को साफ करना, यूरिक एसिड की मात्रा कंट्रोल करना, सूजन और दर्द कम करना आदि ख़ास प्रोसेस अपनाई जाती हैं। साथ ही पुनर्नवा, गुग्गुल, त्रिफला, वरुणादी काढ़ा जैसी आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है।

FAQs

यूरिक एसिड बढ़ने से कौन सा आर्थराइटिस होता है? – Uric acid badhne se kaun sa arthritis hota hai?

यूरिक एसिड बढ़ने से गाउट आर्थराइटिस होता है।

गाउट आर्थराइटिस सबसे ज़्यादा किस जोड़ को प्रभावित करता है? – Gout arthritis sabse zyada kis jod ko prabhavit karta hai?

गाउट आर्थराइटिस होने पर सबसे ज़्यादा पैर के बड़े अंगूठे पर असर होता है।

क्या डाइट बदलकर यूरिक एसिड और आर्थराइटिस को कंट्रोल किया जा सकता है? – Kya diet badalkar uric acid aur arthritis ko control kiya jaa sakta hai?

हाँ, लो-प्यूरीन डाइट यूरिक एसिड को काफी कम कर सकती है।

क्या यूरिक एसिड और वजन का संबंध है? – Kya uric acid aur wajan ka sambandh hai?

हाँ, मोटापे से यूरिक एसिड का प्रॉडक्शन बढ़ता है और किडनी की फ़िल्टरेशन कम होती है।

आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको बताया कि आर्थराइटिस और यूरिक एसिड का क्या कनेक्शन है? लेकिन, आप सिर्फ़ इस जानकारी या सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आप या आपके किसी साथी/रिश्तेदार को यूरिक एसिड बढ़ने से गाउट आर्थराइटिस की बीमारी है या ऐसे लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से गाउट आर्थराइटिस का असरदार आयुर्वेदा उपचार लें। यहाँ आपको प्राकृतिक इलाज के साथ-साथ गाउट आर्थराइटिस के लिए हेल्दी डाइट चार्ट और ज़रूरी परामर्श भी दिया जाएगा। हेल्थ से जुड़े ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।

 

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