हमारी किडनियाँ बॉडी से वेस्ट मटेरियल बाहर निकालती हैं, ब्लड फ़िल्टर करती हैं और इलेक्ट्रोलाइट का बैलेन्स बनाकर रखती हैं। लेकिन, कुछ गलत आदतों की वजह से किडनी पर लोड़ ज़्यादा पड़ने लगता है, जिससे वह अपना काम ठीक से नहीं कर पाती और टॉक्सिन्स यानी गंदगी बॉडी में जमने लगती है, जो आगे चलकर किडनी को बहुत खराब कर सकती है। ईन आदतों में से 5 आदतें ख़ास हैं, जिनकी जानकारी नीचे दी गई हैं। किडनी को धीरे-धीरे खराब करने वाली 5 गलत आदतें जानकार उन्हें तुरंत छोड़ना चाहिए। आप चाहें तो कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल से किडनी से जुड़ी किसी भी बीमारी का आयुर्वेदिक इलाज करा सकते हैं लेकिन, पहले किडनी की खराबी के कारण और लक्षण भी जान लें।
ईन लक्षणों से खराब किडनी का पता चल सकता है –
आम तौर पर ईन कारणों से किडनी खराब होती है –
अगर आप दिनभर सही मात्रा में पानी नहीं पीते, तो शरीर में टॉक्सिन जमा होने लगते हैं जिन्हें बाहर निकालने के लिए किडनी को लगातार पानी की ज़रूरत होती है। कम पानी पीने से यूरिन गाढ़ा हो जाता है, बार-बार जलन और दर्द होता है, इंफेक्शन हो सकता है और पथरी बनने का खतरा भी रहता है। इसलिए, रोज़ाना 7-8 ग्लास पानी पीना चाहिए ताकि किडनी की फिल्टरिंग क्षमता सही बनी रहे। ज़्यादा पानी भी किडनी को नुकसान कर सकता है, इसलिए बेहतर होगा की डॉक्टर से पूछकर पानी की मात्रा फिक्स करें।
कुछ लोगों को हर चीज़ में ऊपर से एक्स्ट्रा नमक डालने की आदत होती है जो किडनी को बहुत नुकसान पहुँचा सकती है। नमक से ब्लड प्रेशर बढ़ता है जिससे किडनी की छोटी-छोटी नलिकाओं पर प्रेशर बढ़ता है और धीरे-धीरे किडनी कमजोर होने लगती है। इसलिए, पापड़, चिप्स, नमकीन स्नैक्स, रेडीमेड पैक्ड फूड, अचार और फास्ट-फूड आदि खाना छोड़ दें। अगर आपको पहले से किडनी की बीमारी है तो सिर्फ़ सेंधा नमक ही खाएँ वो भी बहुत लिमिट में।
ज़रा-सा दर्द होते ही लोग दवा ले लेते हैं और कई बार तो डॉक्टर से पूछते भी नहीं। यही आदत आगे चलकर किडनी की खतरनाक बीमारी बन सकती है। इसलिए, दर्द की दवाएं, जैसे – ब्रूफेन, नाइस, डिक्लोफेनैक, एटोरिकॉक्सिब, पेरासिटामॉल का ओवरडोज़ आदि लंबे समय तक न लें। ये किडनी को सीधे नुकसान पहुंचाती हैं। ईन दवाओं से किडनी तक खून पहुंचाने वाली नसें सिकुड़ जाती हैं और धीरे-धीरे किडनी खराब होने लगती हैं। जहां तक हो सके दर्द में घरेलू उपाय, फिजियोथैरेपी या आयुर्वेदिक औषधियाँ अपनाएं।
आजकल जिम करने वाले जवान लड़कों में जल्दी मसल्स बनाने के लिए हाई प्रोटीन लेने का चलन बना हुआ है, जिसके लिए व्हे प्रोटीन, फैट बर्नर, क्रिएटिन, हाई प्रोटीन डाइट का इस्तेमाल ज़्यादा किया जा रहा है। ऐसे में, किडनी को प्रोटीन फिल्टर करने के लिए ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है। लंबे समय तक हाई प्रोटीन डाइट से क्रिएटिनिन भी बढ़ता है, किडनी पर लोड पड़ता है और किडनी फेलियर का खतरा भी बना रहता है। इसलिए डॉक्टर से पूछकर ही प्रोटीन की मात्रा तय करें। जहां तक हो सके नेचुरल प्रोटीन ही लें, सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल न करें।
काम या आलस के चक्कर में अक्सर लोग पेशाब रोक लेते हैं जो एक बहुत ही गलत आदत है। ये आदत इंफेक्शन बढ़ाती है। साथ ही यूरिन रुकने से बैक्टीरिया तेज़ी से बढ़ते हैं जो पेशाब के रास्ते में इन्फेक्शन पैदा कर सकता है और आगे चलकर यही किडनी इंफेक्शन में बदल सकता है। इसलिए, जब भी पेशाब लगे, तुरंत जाएं।
कोल्ड ड्रिंक में फॉस्फोरिक एसिड, शुगर और प्रिजर्वेटिव होते हैं, जो किडनी पर प्रेशर डालते हैं जिससे पथरी का खतरा बढ़ जाता है।
WHO के हिसाब से दिन में 5 ग्राम से कम नमक (लगभग 1 छोटा चम्मच) सुरक्षित माना जाता है।
नींद की कमी से ब्लड प्रेशर और हार्मोन का बैलेन्स बिगड़ता है, जिससे किडनी पर बुरा असर पड़ सकता है।
हाँ, स्मोकिंग से किडनी की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है और CKD का खतरा बढ़ सकता है।
आज के इस ब्लॉग में हमनें आपको किडनी को धीरे-धीरे खराब करने वाली 5 गलत आदतें बताई। लेकिन, आप सिर्फ़ इस जानकारी या सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आप या आपके किसी साथी/रिश्तेदार की किडनी खराब है या किडनी की खराबी से जुड़े लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें या कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से किडनी की समस्या का आयुर्वेदिक उपचार लें। यहाँ आपको उपचार के साथ-साथ किडनी की हेल्थ के लिए सही डाइट चार्ट और कंसल्टेंसी भी मिलेगी। हेल्थ से जुड़े ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।
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